पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पिछले 24 घंटे में 10455 संक्रमित मिले हैं. एक तरफ बिहार में कोरोना बेकाबू रफ्तार से बढ़ रहा है दूसरी ओर सरकारी तैयारियों की स्थिति यह है कि बिहार सरकार मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में कोरोना से निपटने की कार्य योजना पेश नहीं कर पाई. इसके चलते हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
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पटना हाईकोर्ट ने राज्य में बढ़ते कोरोना महामारी से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना पेश नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ढिलाई को काफी गंभीरता से लिया.
एनएमसीएच की स्थिति की मांगी रिपोर्ट
कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि इस बीमारी के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन कितना उपयोगी है. कोर्ट ने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष व एम्स के डायरेक्टर को एनएमसीएच की स्थिति का जायजा लेने को कहा है. इसके साथ ही कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
21 को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल, पटना हाईकोर्ट को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया कि किन कारणों से असिस्टेंट रजिस्ट्रार की मौत हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ताकि मरीजों का इलाज हो सके. इस मामले में अगली सुनवाई 21अप्रैल को होगी.
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