पटनाः पटना हाइकोर्ट ने पिछले दो दशकों से राज्य के विभिन्न निचली अदालतों में लंबित आपराधिक मुकदमों में करीब 2 लाख से भी अधिक फरार अपराधियों और ढाई लाख से भी अधिक आरोपियों के खिलाफ जारी हुए समन नहीं मिलने के मामले पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को 10 फरवरी 2023 को तलब किया है. साथ ही इस मामले में हाईकोर्ट प्रशासन को भी जवाब देने का आदेश दिया गया.
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जनहित याचिका पर सुनवाईः कौशिक रंजन की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया गया है. याचिकाकर्ता के वकील शमा सिन्हा ने कोर्ट को नेशनल ज्यूडिशियल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले आंकड़ों को कोर्ट के सामने पेश किया. जनहित याचिका दंड प्रक्रिया कानून के तहत प्ली- बारगेनिंग के कानून को लागू करने के लिए की गई है. रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार की एक अदालत में 1965 का एक आपराधिक मामला लंबित है, जो कि नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड में साफ दिखता है.
पुराने लंबित मामले में आरोपीः कोर्ट को यह भी बताया गया इतने पुराने लंबित मामले में आरोपी और परिवादी दोनों की जीवित रहने पर संदेह है, ऐसी स्थिति में या नहीं तो बेकार और कानूनी तौर पर औचित्य पड़े आपराधिक मामले को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को अनुरोध किया कि वह राज्य की विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े हुए आपराधिक मामलों का जिला वार ब्योरा अगली सुनवाई में पेश करे. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 फरवरी, 2023 को की जाएगी.