पटना: पटना हाईकोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के एक मामले में कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगाने के बाद भी पुलिस के द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार करने की धमकी को गंभीरता से लिया है. जस्टिस संदीप कुमार ने टुनटुन सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई (Patna High Court Hearing in Dowry Case) करते हुए गया के एसपी को जांचकर 10 मार्च तक हलफनामा दायर करने का निर्देश (Gaya SP File Affidavit) दिया है. वहीं, हाईकोर्ट ने संबंधित थाने के एसएचओ को अगली सुनवाई पर कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया.
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याची ने कोर्ट को बताया कि चिरकी थाने के एसएचओ ने याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने की धमकी दी और गिरफ्तारी नहीं होने पर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने का दबाव बनाया था. इस पर कोर्ट ने गया के एसपी से जानना चाहा कि जब हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाया था, तो किस अधिकार के तहत चिरकी के एसएचओ ने ऐसा किया.
कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि हाईकोर्ट में दहेज प्रताड़ना की दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त की गिरफ्तारी पर रोक लगाया था. इस बात की जानकारी संबंधित थाने को याचिकाकर्ता की ओर से दी गयी. इसके बावजूद गया जिले के चिरकी थाना के एसएचओ अभियुक्त के घर रात में पहुंचकर उसे गिरफ्तार करने का दबाव बनाने लगे. साथ ही गिरफ्तार नहीं कर पाने की स्थिति में उनके परिवार के सदस्यों के साथ बदसलूकी करते हुए संबंधित अभियुक्त को जल्द कोर्ट में आत्म समर्पण करने का दबाव बनाया.
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