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Patna High Court: नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जिलाधिकारियों को मिला अंडरटेकिंग का आदेश - पटना हाईकोर्ट जमीन अधिग्रहण

पटना हाईकोर्ट ने विभिन्न जिलों के डीएम को जमीन अधिग्रहण के आदेश दिए हैं. अलग-अलग जिलों के डीएम ने भूमि अधिग्रहण और अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में पटना हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की थी. समीक्षा के बाद पटना हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया. पढ़ें रिपोर्ट.

पटना हाई कोर्ट
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Published : Aug 17, 2021, 3:18 AM IST

पटनाः बिहार के विभिन्न जिलों के डीएम (DM of Different Districts) ने अपने-अपने जिलों के भूमि अधिग्रहण और अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में पटना हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की. चीफ जस्टिस संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई और बिहार में कई राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित मामलों की सुनवाई और समीक्षा भी हुई.

यह भी पढ़ें- 10 जुलाई को पटना हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई

वर्चुअल रूप से आज कोर्ट में नालंदा, समस्तीपुर, वैशाली, दरभंगा, पटना, गया, जहानाबाद के डीएम मौजूद थे. सर्वप्रथम कोर्ट ने भारत माला परियोजना के तहत बिहार में बनने वाली एक प्रतिष्ठित ग्रीन फील्ड परियोजना, जो औरंगाबाद से शुरू होकर दरभंगा तक जाती है, उसके बारे में सभी डीएम से जानकारी ली.

कोर्ट ने जानना चाहा कि किस तरह वे जल्द से जल्द इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण कर के एनएचएआई को देंगे, ताकि उस पर काम शुरू करायी जा सके. एनएचएआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसडी संजय ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा बिहार में जमीन के लिए दिया जाना है.

इसके लिए अभी तक छह सौ करोड़ रुपये से ज्यादा जिलों के भू-अर्जन पदाधिकारियों के समक्ष जमा कराए जा चुके हैं. साथ ही बचा हुआ पैसा भी इस माह के अंत तक जमा करा दिया जाएगा. इसके उपरांत टेंडर करके ठेकेदार को दे दिया जाएगा. यदि जमीन मिलने में देरी होगी तो इस परियोजना में भी देर हो जाएगी.

इस पर खंडपीठ ने सभी जिलाधिकारियों से लिखित अंडरटेकिंग देने को कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में 2-3 महीने के अंदर जमीन का अधिग्रहण अवश्य कर लें. इसे एनएचएआई को सुपुर्द कर दें. सभी जिलाधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आगामी 30 नवंबर तक वे भूमि अधिग्रहण का काम समाप्त कर एनएचएआई को सुपुर्द कर देंगे. एक अन्य मामले में भी हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क के लिए भी वहां के जिलाधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि रामाशीष चौक, हाजीपुर के आसपास सभी अतिक्रमण हटा दिए गए हैं.

पुलिस थाना की बिल्डिंग खाली कर दी गई है. बस स्टैंड तथा टैंपो स्टैंड वहां से हटा लिए गए हैं. इस पर कोर्ट ने एनएचएआई को निर्देश दिया है कि कल से ही उस पर काम शुरू करा दें. उक्त मामले पर अगली सुनवाई आगामी 18 अगस्त को की जाएगी.

यह भी पढ़ें- High Court: APO परीक्षा के सफल उम्मीदवारों की सूची संबंधी मामले में सुनवाई पूरी

पटनाः बिहार के विभिन्न जिलों के डीएम (DM of Different Districts) ने अपने-अपने जिलों के भूमि अधिग्रहण और अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में पटना हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की. चीफ जस्टिस संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई और बिहार में कई राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित मामलों की सुनवाई और समीक्षा भी हुई.

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वर्चुअल रूप से आज कोर्ट में नालंदा, समस्तीपुर, वैशाली, दरभंगा, पटना, गया, जहानाबाद के डीएम मौजूद थे. सर्वप्रथम कोर्ट ने भारत माला परियोजना के तहत बिहार में बनने वाली एक प्रतिष्ठित ग्रीन फील्ड परियोजना, जो औरंगाबाद से शुरू होकर दरभंगा तक जाती है, उसके बारे में सभी डीएम से जानकारी ली.

कोर्ट ने जानना चाहा कि किस तरह वे जल्द से जल्द इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण कर के एनएचएआई को देंगे, ताकि उस पर काम शुरू करायी जा सके. एनएचएआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसडी संजय ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा बिहार में जमीन के लिए दिया जाना है.

इसके लिए अभी तक छह सौ करोड़ रुपये से ज्यादा जिलों के भू-अर्जन पदाधिकारियों के समक्ष जमा कराए जा चुके हैं. साथ ही बचा हुआ पैसा भी इस माह के अंत तक जमा करा दिया जाएगा. इसके उपरांत टेंडर करके ठेकेदार को दे दिया जाएगा. यदि जमीन मिलने में देरी होगी तो इस परियोजना में भी देर हो जाएगी.

इस पर खंडपीठ ने सभी जिलाधिकारियों से लिखित अंडरटेकिंग देने को कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में 2-3 महीने के अंदर जमीन का अधिग्रहण अवश्य कर लें. इसे एनएचएआई को सुपुर्द कर दें. सभी जिलाधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आगामी 30 नवंबर तक वे भूमि अधिग्रहण का काम समाप्त कर एनएचएआई को सुपुर्द कर देंगे. एक अन्य मामले में भी हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सड़क के लिए भी वहां के जिलाधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि रामाशीष चौक, हाजीपुर के आसपास सभी अतिक्रमण हटा दिए गए हैं.

पुलिस थाना की बिल्डिंग खाली कर दी गई है. बस स्टैंड तथा टैंपो स्टैंड वहां से हटा लिए गए हैं. इस पर कोर्ट ने एनएचएआई को निर्देश दिया है कि कल से ही उस पर काम शुरू करा दें. उक्त मामले पर अगली सुनवाई आगामी 18 अगस्त को की जाएगी.

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