पटना: पटना हाईकोर्ट ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के करीब 22 अंगीभूत कालेजों के प्राचार्य की सेवा समाप्त कर दी है. साथ ही जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कुलपति को 3 महीने के अंदर विधि सम्मत सफल उम्मीदवारों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया.
नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी का लगा था आरोप
दरअसल, डॉ. रमेश झा समेत अन्य की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था. यह भी आरोप लगाया गया था कि चयन समिति का गठन गलत तरीके से किया गया है. इन प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए 2008 में विज्ञापन निकला गया था. 2009 में सफल उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की गई थी.
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दोबारा चयन प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे प्राचार्य
प्राचार्यों की नियुक्ति को रद्द करते हुए अदालत ने उन्हें एक बड़ी राहत भी दी है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि हटाए गए प्राचार्य भी चयन में शामिल हो सकते हैं. यदि वह सफल घोषित होते हैं तो उन्हें हटाई गई अवधि का वेतन और अन्य सुविधाएं भी उन्हें दी जाऐंगी.