पटना: हाईकोर्ट ने कोरोना से हुई मौत के आंकड़े आम जनता को उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बिहार सरकार (Bihar government) को फटकार लगाई है. शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया. कोर्ट ने सरकार को कोरोना से हुई मौत के आंकड़े जनता को उपलब्ध कराने का आदेश दिया.
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'हर नागरिक का मौलिक अधिकार'
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 21 के तहत सभी नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार है. कोरोना के दौरान हुई सभी प्रकार की मृत्यु का विवरण रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. राज्य सरकार को इन आंकड़ों को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराना इसलिए भी जरूरी है, ताकि मृतक के परिजनों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. कोर्ट ने कहा कि अपने क्षेत्र में हुई मौत के बारे में 24 घंटे के अंदर जानकारी देने का दायित्व जनप्रतिनिधियों का है.
'पोर्टल के जरिए उपलब्ध कराएं आंकड़े'
कोर्ट ने कहा कि जन्म और मृत्यु के निबंधन एक्ट 1969 के तहत हर नागरिक को राज्य सरकार के डिजिटल पोर्टल पर सूचना पाने का अधिकार है. इन डिजिटल पोर्टल को नियमित रूप से अपडेट किया जाना जरूरी है. पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मृत्यु संबंधी वार्षिक रिपोर्ट भी 2018 के बाद अपलोड नहीं की गई है. इसे दो महीने के अंदर अपलोड किया जाए. संबंधित अधिकारियों की बैठक कर इस आदेश को जल्द से जल्द लागू करवाएं.
HC की फटकार के बाद जारी हुआ था संशोधित आंकड़ा
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने कोरोना से मौत के मामले में 11 जून को भी बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता के कहा था कि 3951 मौत के आंकड़े लिस्ट से बाहर थे और इसे जोड़ने पर कुल मौतें बढ़कर 5454 से 9375 हो गई है. इस पर चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने कहा था कि आपके ये आंकड़े भी सटीक व सच नहीं दिखते बल्कि संदेहास्पद लगते हैं. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के डाटा के अनुसार 17 जून तक राज्य में कोरोना से 9527 लोगों की मौत हुई है.
हाईकोर्ट में सुनवाई की बड़ी बातें:
- जन्म और मृत्यु के निबंधन एक्ट 1969 के तहत हर नागरिक को डिजिटल पोर्टल पर सूचना पाने का अधिकार
- डिजिटल पोर्टल को नियमित और समय-समय पर अपडेट किया जाना जरूरी
- भारतीय संविधान की धारा 21 के तहत नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार
- सभी प्रकार की मृत्यु का विवरण रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी
- राज्य सरकार को मृत्यु के आंकड़ों को लोगों को उपलब्ध कराना जरूरी
- आंकड़ों के जरिए मृतक के परिजनों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके
- मृत्यु संबंधी वार्षिक रिपोर्ट भी 2018 के बाद नहीं किया गया है अपलोड
- दो महीने के अंदर मृत्यु संबंधी वार्षिक रिपोर्ट अपलोड करने का निर्देश
- अपने क्षेत्र में हुई मृत्यु के बारे में 24 घंटे के भीतर जानकारी देने का दायित्व जनप्रतिनिधियों का
- राज्य सरकार को आम आदमी को डिजिटल पोर्टल के संबंध में जानकारी देने का निर्देश
- संबंधित अधिकारियों की बैठक कर इस आदेश को जल्द से जल्द लागू करवाने के आदेश
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