पटना : पटना हाइकोर्ट ने सीतामढी जिला के आर्थिक रूप से कमजोर और शारीरिक रूप से दिव्यांग लड़कियों की जांच और ईलाज के सम्बन्ध में सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ को एम्स, पटना के अधिवक्ता ने बताया कि नेत्र रोग से पीड़ित लड़की के ईलाज के लिए धनराशि को एम्स, दिल्ली को स्थानांतरित कर दिया गया है. कल इस मामले पर सुनवाई करते हुए एम्स, पटना के अधिवक्ता को नेत्रहीन लड़की के ईलाज के लिए एम्स, दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा दी गई धनराशि स्थानांतरित करने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. पूर्व में एम्स, पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि तीन लड़कियों में से दो लड़कियों को हड्डी सम्बन्धी रोग है.
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उनका ईलाज पटना के एम्स हॉस्पिटल में शुरू हो गया है. इन दोनों लड़कियों के ईलाज हेतु राज्य सरकार धनराशि दे चुकी है।उन्होंने बताया था कि एक नेत्र सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त है. इसके ईलाज के लिए इसे दिल्ली, एम्स भेजा जाना है. इसके प्रारंभिक ईलाज के मद में राज्य सरकार ने बीस हजार रुपये एम्स, पटना के खाते में स्थानांतरित कर दिया. ये धनराशि एम्स, दिल्ली के खाते में एम्स, पटना को स्थानांतरित करना है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इसी सम्बन्ध में कोर्ट ने एम्स, पटना को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि सीतामढी के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है, जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका ईलाज नहीं करवा पा रहे थे.
इनके ईलाज में अस्पताल और ईलाज का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था. कोर्ट ने इनके ईलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा था. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य पूरा हो कर ईलाज की कार्रवाई जारी है. इस मामले में कोर्ट के समक्ष एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मयूरी, एम्स, पटना की ओर से अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय व राज्य सरकार की ओर से विकास कुमार ने पक्षों को रखा. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया.