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बढ़ते कोरोना मामले पर पटना HC सख्त, राज्य सरकार से 20 अगस्त तक मांगा जवाब

राज्य में कोरोना के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. वहीं बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल भी किसी से छिपा नहीं है. इस पर पटना हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर की है.

पटना हाई कोर्ट
पटना हाई कोर्ट
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Published : Aug 13, 2020, 1:18 PM IST

पटना: राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न गंभीर हालत पर पटना हाइ कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने मामले पर उठाए गए सवालों का राज्य सरकार से जवाब मांगा है. पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रश्नों का विस्तृत ब्यौरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है.

दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने के 20 अगस्त तक की मोहलत दी है. इससे पहले भी कोर्ट ने कोरोना संकट से निबटने, कोरोना मरीजों के जांच व इलाज की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा मांगा था. साथ ही हाइकोर्ट ने जिलास्तरीय कोरोना अस्पतालों की जानकारी, वहां कार्यरत डॉक्टरों, नर्स, मेडिकल कर्मियों का विस्तृत जानकारी देने का भी निर्देश दिया था.

20 अगस्त को अगली सुनवाई
बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं. लेकिन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर व अन्य सुविधाएं का ब्यौरा देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 9 आरटीपीसीआर होने की बात राज्य सरकार ने बताई, जिससे कोरोना की सही जांच होती है. लेकिन 12 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में इससे जांच कैसे संभव होगा. मामले पर 20 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

पटना: राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न गंभीर हालत पर पटना हाइ कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने मामले पर उठाए गए सवालों का राज्य सरकार से जवाब मांगा है. पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रश्नों का विस्तृत ब्यौरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है.

दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब देने के 20 अगस्त तक की मोहलत दी है. इससे पहले भी कोर्ट ने कोरोना संकट से निबटने, कोरोना मरीजों के जांच व इलाज की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा मांगा था. साथ ही हाइकोर्ट ने जिलास्तरीय कोरोना अस्पतालों की जानकारी, वहां कार्यरत डॉक्टरों, नर्स, मेडिकल कर्मियों का विस्तृत जानकारी देने का भी निर्देश दिया था.

20 अगस्त को अगली सुनवाई
बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं. लेकिन जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर व अन्य सुविधाएं का ब्यौरा देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 9 आरटीपीसीआर होने की बात राज्य सरकार ने बताई, जिससे कोरोना की सही जांच होती है. लेकिन 12 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में इससे जांच कैसे संभव होगा. मामले पर 20 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.

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