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Patna High Court : बिहार बोर्ड के रिजल्ट में लापरवाही.. मिले थे 77 अंक, BSEB ने दिए 3 अंक, HC अफसरों की जेब से वसूली का दिया आदेश

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. इस मामले में कोर्ट ने जुर्माना लगाकर कानूनी प्रक्रिया में खर्ज 25 हजार रुपए देने का निर्देश दिया है. वहीं फॉर्मेसी कोर्स में पढ़ाई को लेकर बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने का आदेश भी कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया है.

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Published : Jul 24, 2023, 11:03 PM IST

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लापरवाही एक मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने मनोज कुमार की याचिका पर सुनवाई करते दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया, साथ ही क़ानूनी प्रक्रिया में हुए खर्च पचीस हजार रुपए देने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें- Patna High Court: मूर्तियों के रख रखाव व संरंक्षण पर हुई सुनवाई, कोर्ट ने सरकार को पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का दिया निर्देश

कोर्ट ने दी लापरवाही की सजा : ये मामला याचिकाकर्ता मनोज कुमार की पुत्री से सम्बन्धित है. उनकी बेटी ने 2017 में मैट्रिक की परीक्षा का परीक्षा दिया, उस परीक्षा में उसे संस्कृत विषय में मात्र 3 अंक मिला बताया गया. उसने इस से हताश हो कर पढ़ाई छोड़ दिया. सूचना के अधिकार के तहत मनोज कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जानकारी मांगी. करीब डेढ़ साल बाद बोर्ड की ओर से बताया गया कि उसे संस्कृत में 77 अंक प्राप्त हुए थे.

जेब से जुर्माना वसूलने का आदेश : अधिकारियों व कर्मचारियों के लापरवाही से उनकी बेटी के दो साल खराब हुए. कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को मामले की जांच कर दोषी अधिकारी के जेब से जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया. वहीं एक दूसरे मामले में पटना हाईकोर्ट ने फार्मेसी कोर्स में पढ़ाई करने वाले छात्रों को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस सम्बन्ध में दायर याचिकायों पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया.

बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना : कोर्ट ने सात दिनों के भीतर पोर्टल पर इन कॉलेजों के नाम अपलोड करने का आदेश दिया, ताकि फार्मेसी संस्थानों के छात्रों को भी शिक्षा ऋण का लाभ मिल सकें. आवेदकों की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार की सात निश्चय योजनाओं में से एक योजना शिक्षा ऋण प्रदान करना है.

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लापरवाही एक मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने मनोज कुमार की याचिका पर सुनवाई करते दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया, साथ ही क़ानूनी प्रक्रिया में हुए खर्च पचीस हजार रुपए देने का निर्देश दिया.

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कोर्ट ने दी लापरवाही की सजा : ये मामला याचिकाकर्ता मनोज कुमार की पुत्री से सम्बन्धित है. उनकी बेटी ने 2017 में मैट्रिक की परीक्षा का परीक्षा दिया, उस परीक्षा में उसे संस्कृत विषय में मात्र 3 अंक मिला बताया गया. उसने इस से हताश हो कर पढ़ाई छोड़ दिया. सूचना के अधिकार के तहत मनोज कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जानकारी मांगी. करीब डेढ़ साल बाद बोर्ड की ओर से बताया गया कि उसे संस्कृत में 77 अंक प्राप्त हुए थे.

जेब से जुर्माना वसूलने का आदेश : अधिकारियों व कर्मचारियों के लापरवाही से उनकी बेटी के दो साल खराब हुए. कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को मामले की जांच कर दोषी अधिकारी के जेब से जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया. वहीं एक दूसरे मामले में पटना हाईकोर्ट ने फार्मेसी कोर्स में पढ़ाई करने वाले छात्रों को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस सम्बन्ध में दायर याचिकायों पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया.

बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना : कोर्ट ने सात दिनों के भीतर पोर्टल पर इन कॉलेजों के नाम अपलोड करने का आदेश दिया, ताकि फार्मेसी संस्थानों के छात्रों को भी शिक्षा ऋण का लाभ मिल सकें. आवेदकों की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार की सात निश्चय योजनाओं में से एक योजना शिक्षा ऋण प्रदान करना है.

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