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'हर घर नल का जल' योजना में अनियमितता को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

जनहित योजना में बताया गया कि 'हर घर नल का जल' योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितता बरती जाना गंभीर अपराध है. इसकी पूरी जांच स्वतंत्र एजेंसी से करा कर दोषियों को दंड देने की कार्रवाई की जाए.

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Published : Feb 4, 2022, 1:50 PM IST

पटना: बिहार में 'हर घर नल का जल' योजना में हुई गडबड़ी और बरती गई अनियमितताओं की जांच कर कार्रवाई करने के लिए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने संजय मेहता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अभ्यावेदन देने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए अनुशंसा, SC ने केंद्र से की इन नामों की सिफारिश

इस जनहित याचिका को अधिवक्ता अलका वर्मा और मीरा कुमारी ने संजय मेहता की ओर से कोर्ट में दायर किया है. इस याचिका में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य सम्बंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया था. इसमें ये कहा गया है कि इस योजना में अनियमितताएं बरतने वाले के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन सही ढंग से किया जाए. यह आम जनता के हितों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी महत्वपूर्ण योजना है.

शुद्ध पेयजल आम लोगों की बुनियादी आवश्यकता है. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं और अनियमितताएं बरती गई हैं. पूर्णियां, सहरसा, अररिया, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा व राज्य के अन्य जिलों में शुद्ध पेयजल, विशेषकर गर्मी के दिनों में आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं.

ये भी पढ़ें: डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की बदहाली को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, दिए ये निर्देश

इस महत्वपूर्ण जनहित योजना में बताया गया कि भ्रष्टाचार और अनियमितता बरती जाना गंभीर अपराध है. इसकी पूरी जांच स्वतंत्र एजेंसी से करा कर दोषियों को दंड देने की कार्रवाई की जाए. सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल योजना में सिकटी विधानसभा क्षेत्र में काफी गड़बड़ियां हुई. विधायक विजय कुमार मंडल ने अररिया डीएम को आवेदन देकर बताया कि जलापूर्ति के लिए घटिया पाइप लगाया गया है. साथ ही सही गहराई में पाइप नहीं लगाया गया है.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट ने गृह सचिव से मांगी जन प्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी, 17 फरवरी को अगली सुनवाई

इस कारण जहां आए दिन पाइप फटता रहता है, वहीं सड़क भी क्षतिग्रस्त होती रही है. इस संबंध में सम्बंधित मंत्री और अधिकारियों को भी पत्र के जरिये सूचना दी गई थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन देने के निर्देश के साथ ही इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में एनएच-119 मामले पर हुई सुनवाई

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इस जनहित याचिका को अधिवक्ता अलका वर्मा और मीरा कुमारी ने संजय मेहता की ओर से कोर्ट में दायर किया है. इस याचिका में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य सम्बंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया था. इसमें ये कहा गया है कि इस योजना में अनियमितताएं बरतने वाले के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन सही ढंग से किया जाए. यह आम जनता के हितों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी महत्वपूर्ण योजना है.

शुद्ध पेयजल आम लोगों की बुनियादी आवश्यकता है. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं और अनियमितताएं बरती गई हैं. पूर्णियां, सहरसा, अररिया, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा व राज्य के अन्य जिलों में शुद्ध पेयजल, विशेषकर गर्मी के दिनों में आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं.

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इस कारण जहां आए दिन पाइप फटता रहता है, वहीं सड़क भी क्षतिग्रस्त होती रही है. इस संबंध में सम्बंधित मंत्री और अधिकारियों को भी पत्र के जरिये सूचना दी गई थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन देने के निर्देश के साथ ही इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.

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