पटनाः पटना हाइकोर्ट ने बासा (Bihar Administrative Service Association) के निबंधन रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस पूर्णेन्दु कुमार सिंह ने याचिका पर सुनवाई करते हुए बासा के सदस्य को मुख्य सचिव की उपस्थिति में आईएएस अधिकारी के के पाठक के साथ बैठक कर आपसी सहमति से हल निकालने को कहा. कोर्ट ने यह भी उम्मीद जताया कि निबंधन रद्द करने के आदेश पर अगली सुनवाई यानी 28 फरवरी तक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
इसे भी पढ़ेंः Bihar madrasa news: पटना HC के आदेश पर बिहार में फर्जी मदरसों पर एक्शन शुरू, सीतामढ़ी में जांच पूरी
अगली सुनवाई 28फरवरी कोः आईएएस अधिकारी के के पाठक वर्तमान में बिहार सरकार के उत्पाद, मध निषेध और निबंधन विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं. पिछले दिनों उनका बासा के अधिकारियों के साथ मतभेद हो गया था. बासा के अधिकारियों ने उनका बहिष्कार किया था. कोर्ट ने के के पाठक के अधिवक्ता नरेश दीक्षित के सकारात्मक पहल को सराहा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि के के पाठक इस बैठक में शामिल होने की सहमति दे दी है. ये बैठक 16फरवरी को या इसके बाद सुविधा के अनुसार की जा सकती है. अधिवक्ता दीक्षित ने केके पाठक से टेलीफोन पर विचार कर कोर्ट को उनकी सहमति की जानकारी दी. इस मामले में अगली सुनवाई 28फरवरी, 2023 को होगी.
निबंधन रद्द क्यों कियाः मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने बिहार प्रशासनिक सेवा संघ बासा का निबंधन रद्द कर दिया है. विभाग ने बासा पर सोसायटी रजिस्टेशन एक्ट के प्रावधान अनुसार काम नहीं करने का आरोप लगाया है. दरअसल दिसंबर 2022 में बिहार लोक सेवा एवं ग्रामीण विकास संस्थान में ट्रेनिंग कर रहे बिप्रसे के एक अधिकारी की मौत ट्रैकिंग के दौरान हो गयी थी. उसके बाद बासा ने ट्रेनिंग प्रक्रिया को मिलिट्री जैसी ट्रेनिंग का आरोप लगाया था.