पटना: पटना हाई कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिये एक सीट सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. साथ ही पटना हाईकोर्ट ने काउंसिलिंग करा रहे बोर्ड को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. सोमवार को पटना हाईकोर्ट में जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने हबीबा शाने की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. आवेदिका के वकील राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि नीट 2023 परीक्षा में 5417 रैंक लाई और बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने सीट आवंटन करने की जानकारी दी.
मेडिकल कॉलेज में सीट सुरक्षित रखने का आदेश: आवेदिका के वकील राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि तीसरे राउंड के काउंसलिंग के बाद इस रैंक वाले को सीट आवंटन नहीं होने की सूचना दी. जबकि थर्ड राउंड काउंसलिंग में सासाराम के एनएमसी एंड एच में 2722 से 5479 रैंक तक गयी. उनका कहना था कि बच्ची की रैंक 5417 थी. जब उसे सीट आवंटन नहीं हो सका, तो फिर कैसे 5479 रैंक तक गया. कोर्ट ने आवेदिका की ओर से उठाये गये सवालों से फिलहाल संतुष्ट होते हुए इस कॉलेज के एक सीट को सुरक्षित रखने का आदेश दिया.
बोर्ड को चार सप्ताह की मोहलत: दरअसल, पटना हाईकोर्ट में आवेदिका के वकील राशिद इजहार की दायर याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने हबीबा शाने की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ी अपत्ति दर्ज की. उन्होंने काउंसिलिंग करा रहे बोर्ड को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने की मोहलत दी.