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टेंडर में न्यूनतम दर सीमा को हटाने पर HC में सुनवाई, राज्य सराकार के आदेश पर लगायी रोक

बिहार संवेदक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने टेंडर में न्यूनतम दर सीमा हटाने के राज्य सरकार के फैसले पर तत्काल रोक लगा दी है. पढ़े पूरी खबर..

Patna High Court
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Published : Dec 21, 2022, 10:58 PM IST

पटनाः हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के कार्य विभाग द्वारा पारित उस निर्णय पर रोक लगा दी है, जिसके तहत बिहार सरकार द्वारा निविदा (टेंडर) में न्यूनतम दर सीमा को हटाने का निर्णय (Minimum rate limit in tender) लिया गया था. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल (Patna High Court Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने बिहार संवेदक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया.

ये भी पढ़ें-बिहार में अमीनों की बहाली का रास्ता साफ, 12वीं पास उम्मीदवार भी योग्य: हाईकोर्ट


टेंडर में न्यूनतम दर सीमा हटा से जुड़ा है मामलाः याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष गिरि ने कोर्ट को बताया कि न्यूनतम दर लगाने का विभाग का पत्रांक 2046 (S) 06.03.14 को लिया गया निर्णय निविदा की सीमा 10% कम होना अवैध मानी जाएगी. लेकिन राज्य सरकार द्वारा 16.01.2020 को अधिसूचना जारी कर इसमें परिवर्तन किया, जिसके तहत निविदा में न्यूनतम दर सीमा हटा दी गई.


दो सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाईः राज्य सरकार द्वारा ऐसा किया जाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 10% न्यूनतम दर सीमा को बेवजह हटाने का कोई औचित्य नहीं है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. कोर्ट को बताया गया कि चूंकि सरकार अपने फैसले की समीक्षा कर रही है. इसलिए मामले को दो हफ्ते बाद फिर से सूचीबद्ध किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

पटनाः हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के कार्य विभाग द्वारा पारित उस निर्णय पर रोक लगा दी है, जिसके तहत बिहार सरकार द्वारा निविदा (टेंडर) में न्यूनतम दर सीमा को हटाने का निर्णय (Minimum rate limit in tender) लिया गया था. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल (Patna High Court Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने बिहार संवेदक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया.

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टेंडर में न्यूनतम दर सीमा हटा से जुड़ा है मामलाः याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष गिरि ने कोर्ट को बताया कि न्यूनतम दर लगाने का विभाग का पत्रांक 2046 (S) 06.03.14 को लिया गया निर्णय निविदा की सीमा 10% कम होना अवैध मानी जाएगी. लेकिन राज्य सरकार द्वारा 16.01.2020 को अधिसूचना जारी कर इसमें परिवर्तन किया, जिसके तहत निविदा में न्यूनतम दर सीमा हटा दी गई.


दो सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाईः राज्य सरकार द्वारा ऐसा किया जाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 10% न्यूनतम दर सीमा को बेवजह हटाने का कोई औचित्य नहीं है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. कोर्ट को बताया गया कि चूंकि सरकार अपने फैसले की समीक्षा कर रही है. इसलिए मामले को दो हफ्ते बाद फिर से सूचीबद्ध किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

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