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Patna High Court : कदमकुआं दिव्यांग स्कूल में शिक्षकों की कमी पर कोर्ट नाराज, मांगा गया ब्योरा

Patna High Court News पटना उच्च न्यायालय ने नि:श्कत बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. मामले में ब्योरा पेश करने को भी कहा गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 15, 2023, 3:49 PM IST

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामले पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए पटना के कदमकुआं स्थित नेत्रहीन स्कूल के शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया. कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस स्कूल में एडहॉक आधार पर 12 शिक्षकों की बहाली की गई. कोर्ट ने जानना चाहा कि इन शिक्षकों की बहाली की क्या प्रक्रिया थी.

ये भी पढ़ें - Patna High Court News : विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के बहाली मामले में सुनवाई,'शिक्षा की उपेक्षा करना संवेदनहीनता'

'2018 के बाद कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं' : राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु अनुशंसा करने हेतु बिहार कर्मचारी चयन आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 2018 के बाद कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं आया है. कोर्ट ने इस बात को बहुत गम्भीरता से लिया कि पटना के कदमकुआं स्थित दिव्यांग (नेत्रहीन) स्कूल में मात्र एक शिक्षक है. वह भी संगीत शिक्षक हैं. जबकि वहां स्कूल में शिक्षकों के स्वीकृत पद ग्यारह है.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई होगी. इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृषकेतु शरण पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 2014 में विज्ञापित पदों को अब तक नहीं भरा जा सका है. यह अपने आप में राज्य का उदासीन रवैया दर्शाता है.

गौरतलब है कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया था कि निःशक्त बच्चों से जुड़ी सभी परियोजनाएं तीन महीनों के भीतर कार्यरत हो जाएंगे. इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर अपनी कार्य परियोजना बताने के लिए कहा था. इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी, 2023 को होगी.

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के निःशक्त बच्चों के लिए बने विशेष विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के मामले पर सुनवाई की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए पटना के कदमकुआं स्थित नेत्रहीन स्कूल के शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया. कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस स्कूल में एडहॉक आधार पर 12 शिक्षकों की बहाली की गई. कोर्ट ने जानना चाहा कि इन शिक्षकों की बहाली की क्या प्रक्रिया थी.

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'2018 के बाद कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं' : राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु अनुशंसा करने हेतु बिहार कर्मचारी चयन आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 2018 के बाद कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से नहीं आया है. कोर्ट ने इस बात को बहुत गम्भीरता से लिया कि पटना के कदमकुआं स्थित दिव्यांग (नेत्रहीन) स्कूल में मात्र एक शिक्षक है. वह भी संगीत शिक्षक हैं. जबकि वहां स्कूल में शिक्षकों के स्वीकृत पद ग्यारह है.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई होगी. इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृषकेतु शरण पांडेय ने कोर्ट को बताया कि 2014 में विज्ञापित पदों को अब तक नहीं भरा जा सका है. यह अपने आप में राज्य का उदासीन रवैया दर्शाता है.

गौरतलब है कि इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया था कि निःशक्त बच्चों से जुड़ी सभी परियोजनाएं तीन महीनों के भीतर कार्यरत हो जाएंगे. इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर अपनी कार्य परियोजना बताने के लिए कहा था. इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी, 2023 को होगी.

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