पटना : पटना हाईकोर्ट ने 1980 के बाद शिक्षकों की नियुक्ति में बरती गई अनियमितताओं से संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को विस्तृत जवाब देने के लिए 11 सितम्बर 2023 तक की मोहलत दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने शमीमा खातून व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की.
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शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता : गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के एसपी को जांच संबंधित समस्त रिकॉर्ड को लेकर कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार झा ने कोर्ट को बताया था कि यह मामला 1980 के बाद राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है. इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश से सीबीआई जांच प्रारम्भ की गई थी.
कई शिक्षकों को पद से हटा दिया गया : याचिकाकर्ताओं ने सीबीआई जांच को चुनौती दी थी, जिसके आधार पर कई शिक्षकों को पद से हटा दिया गया था. कई शिक्षकों के पेंशन को रोक दिया गया था. उन्होंने सीबीआई की जांच को चुनौती देते हुए कहा था कि सीबीआई ने मनमाने तरीके से एक जैसे पदस्थापित शिक्षकों में से कुछ को नियमित एवं कुछ को अनियमित करार दे दिया था.
बिहार प्रिजन मैन्युअल का विमोचन : इधर, बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के चेयरमैन-वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक 'बिहार प्रिजन मैन्युअल' का विमोचन कॉउन्सिल के सभागार में राज्य सरकार के महाधिवक्ता पी के शाही ने किया. हजार से भी अधिक पन्नों वाली ये मैन्युअल विधि के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए अत्यंत ही लाभदायक होगा.