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पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने पर 6 दिसम्बर को होगी अगली सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में ब्यौरा देने के लिए कहा है. उपेंद्र नारायण सिंह की जनहित याचिका (PIL of Upendra Narayan Singh) पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन
समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन पर पटना हाईकोर्ट
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Published : Dec 1, 2022, 2:24 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन (Patna Collectorate Bar Association Building) को तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं. उपेंद्र नारायण सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है कि वकीलों और उनके स्टाफ के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था की जानकारी दी जाए. साथ ही वकीलों के लिए बन रहे भवन का निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा इसकी भी जानकारी मांगी गई है.

पढ़ें-पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई 29 नवंबर तक टली

बार एसोसिएशन भवन की है जर्दर हालत: वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने यह कहा है कि वकीलों के बैठने की व्यवस्था विकास भवन में की जा सकती है. इसके लिए कार्यवाही की जा रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से वकीलों के लिए आधुनिक और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था. वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन के भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वकीलों के बैठने और काम करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशन के भवन या तो है ही नहीं या काफी बुरी स्थिति में है.

वकीलों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था: पिछली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में बैठक की है. उस बैठक की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी. इसमें कहा गया कि वकीलों के बैठने के लिए भवन निर्माण किया जाएगा. फिलहाल वकीलों के बैठने के लिए विकास भवन में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. कोर्ट ने बिहार राज्य बार कॉउन्सिल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशनों के भवनों की हालत के सम्बन्ध में जानकारी देने को कहा है. वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य में वकीलों को बैठने और कार्य करने के लिए ना तो उचित व्यवस्था है और ना ही भवन है. ऐसे में वकीलों के पेशागत कार्य करने में बहुत कठिनाई होती है. इस मामले पर अगली सुनवाई 6 दिसम्बर को की जाएगी.

पढ़ें-भागलपुर CTS मैदान में पारण परेड: डीआईजी ने 88 ASI रैंक के लिपिकों को दिलाई शपथ

पटना: पटना हाईकोर्ट ने पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन (Patna Collectorate Bar Association Building) को तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने के निर्देश दिए हैं. उपेंद्र नारायण सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा है कि वकीलों और उनके स्टाफ के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था की जानकारी दी जाए. साथ ही वकीलों के लिए बन रहे भवन का निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा इसकी भी जानकारी मांगी गई है.

पढ़ें-पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई 29 नवंबर तक टली

बार एसोसिएशन भवन की है जर्दर हालत: वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने यह कहा है कि वकीलों के बैठने की व्यवस्था विकास भवन में की जा सकती है. इसके लिए कार्यवाही की जा रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से वकीलों के लिए आधुनिक और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था. वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन के भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वकीलों के बैठने और काम करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशन के भवन या तो है ही नहीं या काफी बुरी स्थिति में है.

वकीलों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था: पिछली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में बैठक की है. उस बैठक की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी. इसमें कहा गया कि वकीलों के बैठने के लिए भवन निर्माण किया जाएगा. फिलहाल वकीलों के बैठने के लिए विकास भवन में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. कोर्ट ने बिहार राज्य बार कॉउन्सिल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशनों के भवनों की हालत के सम्बन्ध में जानकारी देने को कहा है. वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य में वकीलों को बैठने और कार्य करने के लिए ना तो उचित व्यवस्था है और ना ही भवन है. ऐसे में वकीलों के पेशागत कार्य करने में बहुत कठिनाई होती है. इस मामले पर अगली सुनवाई 6 दिसम्बर को की जाएगी.

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