पटना: सोमवार को ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग एजेंट का ठेका दिए जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने निविदा शर्त पूरी नहीं किए जाने के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग एजेंट का ठेका देने पर बिहार वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और ठेकेदार पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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आवेदन को देना होगा एक लाख रुपये: पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए आवेदक को एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. ये याचिका श्री बालाजी ट्रांसपोर्टर की ओर से दायर किया गया था.
कोर्ट में आवेदक ने क्या शिकायत की?: आवेदक के वकील अरुण कुमार ने कोर्ट को बताया कि बिहार वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन में ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग एजेंट का ठेका के लिए निविदा प्रकाशित की गई थी. आवेदक सहित कई ट्रांसपोटरों ने अपनी अपनी टेंडर पेपर जमा किया. उनका कहना था कि निविदा शर्त पूरी नहीं किए जाने के बावजूद ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग एजेंट का ठेका प्रतिवादी को दे दिया गया.
बिहार वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन और ठेकेदार पर जुर्माना: वहीं, आवेदक की ओर से दी गई जानकारी पर कोर्ट ने निविदा का पूरा रिकॉर्ड मंगाकर देखा. रिकॉर्ड में देखकर कोर्ट ने पाया कि अवैध और मनमाना तरीका अपना कर प्रतिवादी को ठेका दिया गया. निविदा देने में गड़बड़ी किए जाने पर कोर्ट ने जुर्माना लगाया. साथ ही अदालत ने प्रतिवादी के पक्ष में जारी कार्य आदेश को रद्द कर दिया है.