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BPSC 67th पेपर लीक मामला: पटना हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका - BPSC 67th पेपर लीक मामला

पटना हाईकोर्ट में बीपीएससी 67वीं पेपर लीक मामले (BPSC 67th Paper Leak Case) को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है. पढ़िये पूरी खबर..

पटना उच्च न्यायालय
Patna High Court
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Published : Jul 1, 2022, 5:07 PM IST

पटना: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामलें की जांच सीबीआई से कराने की जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. संजीव कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

ये भी पढ़ें-एसी/एसटी और लड़कियों से स्नातकोत्तर शिक्षा तक शिक्षण शुल्क वसूलने पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई

बीपीएससी पेपर लीक मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई: जनहित याचिका में ये कहा गया है कि 67वीं संयुक्त परीक्षा में पेपर लीक हुआ. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. जिला प्रशासन के सम्बंधित अधिकारियों के साथ बीपीएससी के अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए. 8 मई, 2022 को ये परीक्षा आयोजित की गई थी. इन उम्मीदवारों को विभिन्न जिला केंद्रों पर सेन्टर आवंटित किया गया. जहां सभी उम्मीदवार दूर-दूर से आकर इस परीक्षा में शामिल हुए. वहीं, 9 मई, 2022 को पेपर लीक होने के आधार इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया.

कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका: याचिका में कहा गया कि इन उम्मीद्वारों को बिना किसी गलती के मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानी झेलना पड़ा. इसके लिए इस याचिका में मुआवजा की मांग भी की गई. लेकिन कोर्ट ने इनकी दलीलों को नहीं माना. राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें में राज्य सरकार और बीपीएससी ने त्वरित और सख्त कदम उठाया. इस घटना की जांच और इसके लिए जिम्मेवार लोगों विरुद्ध कार्रवाई प्रारम्भ की गई.

पेपर लीक मामले की हो रही जांच: राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें की जांच अंतिम चरण में है. इसके जिम्मेवार पंद्रह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही इस कांड के मुख्य आरोपी पर कार्रवाई की जा रही है. महाधिवक्ता ललित किशोर की इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को ठुकरा दिया.

क्या है पेपर लीक मामला: बताया जाता है कि रविवार 8 मई को बीपीएससी पीटी परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका था. टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले वायरल हो चुका था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया गया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गया. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा था.

ये भी पढ़ें-BPSC Paper Leak : EoU की बड़ी कार्रवाई, सेंटर सुपरिटेंडेंट समेत 4 गिरफ्तार

पटना: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामलें की जांच सीबीआई से कराने की जनहित याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. संजीव कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

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बीपीएससी पेपर लीक मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई: जनहित याचिका में ये कहा गया है कि 67वीं संयुक्त परीक्षा में पेपर लीक हुआ. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. जिला प्रशासन के सम्बंधित अधिकारियों के साथ बीपीएससी के अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए. 8 मई, 2022 को ये परीक्षा आयोजित की गई थी. इन उम्मीदवारों को विभिन्न जिला केंद्रों पर सेन्टर आवंटित किया गया. जहां सभी उम्मीदवार दूर-दूर से आकर इस परीक्षा में शामिल हुए. वहीं, 9 मई, 2022 को पेपर लीक होने के आधार इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया.

कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका: याचिका में कहा गया कि इन उम्मीद्वारों को बिना किसी गलती के मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानी झेलना पड़ा. इसके लिए इस याचिका में मुआवजा की मांग भी की गई. लेकिन कोर्ट ने इनकी दलीलों को नहीं माना. राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें में राज्य सरकार और बीपीएससी ने त्वरित और सख्त कदम उठाया. इस घटना की जांच और इसके लिए जिम्मेवार लोगों विरुद्ध कार्रवाई प्रारम्भ की गई.

पेपर लीक मामले की हो रही जांच: राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें की जांच अंतिम चरण में है. इसके जिम्मेवार पंद्रह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही इस कांड के मुख्य आरोपी पर कार्रवाई की जा रही है. महाधिवक्ता ललित किशोर की इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को ठुकरा दिया.

क्या है पेपर लीक मामला: बताया जाता है कि रविवार 8 मई को बीपीएससी पीटी परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका था. टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले वायरल हो चुका था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया गया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गया. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा था.

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