पटना: पटना हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों के पौत्र पौत्रियों को हाईकोर्ट नियुक्तियों में आरक्षण देने से साफ इंकार करते हुए दायर याचिका को रद्द को कर दिया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने विकाश कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट ने 550 सहायकों की बहाली के लिए गत 3 फरवरी 2023 को एक विज्ञापन जारी किया था. इस विज्ञापन में सभी को आरक्षण दिया गया, लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के पोता पोती को दिये जाने वाले दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया.
ये भी पढ़ें: Patna High Court: बिहार में थानों की दयनीय दशा पर 10 जुलाई को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
आरक्षण का लाभ कोर्ट अपने यहां के बहाली में नहीं दे रहा: उनका कहना था कि राज्य सरकार ने 10 फरवरी 2016 को पत्रांक 2526 जारी कर स्वतंत्रता सेनानी के पौत्र पौत्रिओं को दो प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था. जिसका लाभ हाई कोर्ट अपने यहां के बहाली में नहीं दे रहा है. जबकि हाई कोर्ट के नियमावली के नियम 10 के तहत आरक्षण देने का प्रावधान है. वहीं हाईकोर्ट की ओर से इस याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया गया कि इस बहाली में एससी, एसटी सहित ईबीसी, बीसी, ईडब्ल्यूएस को निर्धारित प्रतिशत के अनुसार आरक्षण दिया जा रहा है.
दलील सुनने के बाद अर्जी खारिज किया: उनका कहना था कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश के बाद नियमावली के नियम 10 के तहत आरक्षण दिया जाता हैं. कोर्ट ने दोनों पक्षों का दलील सुनने के बाद अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट ने 550 सहायकों की बहाली के लिए गत 3 फरवरी को एक विज्ञापन जारी किया था. इस विज्ञापन में सभी को आरक्षण दिया गया, लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के पोता पोती को दिये जाने वाले दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया.