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परिवार में एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में तो दूसरे को अनुकंपा का लाभ नहीं- पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी परिवार का एक सदस्य सरकारी नौकरी में है तो दूसरे सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी का लाभ नहीं मिल सकता.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Jul 6, 2021, 8:17 AM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जब परिवार का एक सदस्य सरकारी नौकरी में हो दूसरे सदस्य को अनुकम्पा पर नौकरी नहीं दी जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: Advocate Protection Bill: अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए बिला का ड्राफ्ट तैयार, जुर्माने का भी प्रावधान

जस्टिस ने दायर की थी याचिका
न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने हरेंद्र कुमार की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. साथ ही दायर अर्जी को खारिज कर दिया. कोर्ट को बताया गया कि आवेदक के पिता पुलिस विभाग में थे. नौकरी में रहने के दौरान उनकी मौत हो गई. पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदक ने विभाग को आवेदन किया.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट में सरकारी स्‍कूलों में फिजिकल टीचर्स बहाली मामले पर हुई सुनवाई

याचिका को किया गया रद्द
विभाग ने आवेदन को नामंजूर कर दिया कि परिवार के अन्य सदस्य के सरकारी नौकरी में रहते हुए दूसरे सदस्य को अनुकंपा पर बहाली नहीं की जा सकती. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि चूंकि आवेदक ने भी माना है कि उसका एक भाई पहले से सरकारी नौकरी में हैं. ऐसी स्थिति में आवेदक को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी नहीं मिल सकती. कोर्ट ने विभाग के अनुकंपा पर नौकरी नहीं देने के निर्णय को सही ठहराते हुये याचिका को खारिज कर दिया.

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जब परिवार का एक सदस्य सरकारी नौकरी में हो दूसरे सदस्य को अनुकम्पा पर नौकरी नहीं दी जा सकती है.

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जस्टिस ने दायर की थी याचिका
न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने हरेंद्र कुमार की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. साथ ही दायर अर्जी को खारिज कर दिया. कोर्ट को बताया गया कि आवेदक के पिता पुलिस विभाग में थे. नौकरी में रहने के दौरान उनकी मौत हो गई. पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के लिए आवेदक ने विभाग को आवेदन किया.

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याचिका को किया गया रद्द
विभाग ने आवेदन को नामंजूर कर दिया कि परिवार के अन्य सदस्य के सरकारी नौकरी में रहते हुए दूसरे सदस्य को अनुकंपा पर बहाली नहीं की जा सकती. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि चूंकि आवेदक ने भी माना है कि उसका एक भाई पहले से सरकारी नौकरी में हैं. ऐसी स्थिति में आवेदक को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी नहीं मिल सकती. कोर्ट ने विभाग के अनुकंपा पर नौकरी नहीं देने के निर्णय को सही ठहराते हुये याचिका को खारिज कर दिया.

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