पटना: बुधवार को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बीसीआई के अनुमति /अनापत्ति प्रमाण पत्र के आलोक में सिर्फ 2021-22 की सत्र के लिए 17 लॉ कॉलेजों में दाखिले के लिए मंजूरी (Approval for Admission in Law Colleges) दे दी है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई की. इन कालेजों में पटना स्थित चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी, पटना लॉ कॉलेज, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आरपीएस लॉ कॉलेज, केके लॉ कॉलेज बिहारशरीफ, जुबली लॉ कॉलेज और रघुनाथ पांडे लॉ कॉलेज मुजफ्फरफुर सहित अन्य लॉ कॉलेज हैं, जिनका नाम 17 कॉलेजों/विश्वविद्यालय की इस सूची में शामिल है.
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पटना हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2021 के उस आदेश, जिसके अंतर्गत बिहार के सभी 27 सरकारी और निजी लॉ कॉलेजों में नए दाखिले पर रोक लगा दी गयी थी, इस आदेश में कोर्ट ने आंशिक संशोधन करते हुए इन 17 कॉलेजों में सशर्त दाखिले की मंजूरी दे दी है. उच्च न्यायालय ने साफ किया है कि नया दाखिला सिर्फ 2021-22 के लिए ही होगा. अगले साल के सत्र के लिए बार काउंसिल से फिर मंजूरी लेनी होगी.
पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने इन कॉलेजों का निरीक्षण कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को तीन सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जिन लॉ कालेजों को पढ़ाई जारी करने की अनुमति दी गई थी, वहां की व्यवस्था और उपलब्ध सुविधाओं को भी देखा जाए.
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बार काउंसिल ऑफ इंडिया को यह भी देखना था कि विधि शिक्षा, 2008 के नियमों का इन शिक्षण संस्थानों में पालन किया जा रहा है या नहीं. साथ ही इन लॉ कालेजों में पुनः पढ़ाई जारी करने की अनुमति देते हुए नियमों में बार काउंसिल ऑफ इंडिया किसी तरह की ढील नहीं देगी. कोर्ट के इस आदेश से लॉ कॉलेज में नामांकन के लिए इंतजार कर रहे छात्रों को काफी राहत मिलेगी.
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