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बिजली चोरी और मीटर से छेड़छाड़ से कंपनी को भारी नुकसान - बिहार में मीटर से छेड़छाड़

बिहार में बिजली का वितरण करने वाली कंपनी को बिजली चोरी (electricity theft) की वजह से बहुत अधिक नुकसान हो रहा है. इस नुकसान में कर्मचारियों की मिलीभगत का भी बड़ा योगदान ( collusion of the employees is also a big contribution) माना जा रहा है.

बिजली चोरी से वितरण कंपनी को भारी नुकसान
बिजली चोरी से वितरण कंपनी को भारी नुकसान
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Published : Aug 1, 2022, 5:42 PM IST

पटना: बिहार की दो सरकारी स्वामित्व वाली डिस्कॉम में से SBPDCL एक है, जो राजधानी पटना सहित 38 जिलों में से 17 को बिजली की आपूर्ति करती है. उपभोक्ताओं को लगभग 65% बिजली का बिल दे रही है जो इसके वितरण में जाती है. शेष 35% कुल संचरण और वाणिज्यिक हानि के रूप में खो जाता है जब नियामक केवल 15% की मंजूरी देता है. बिजली विभाग के एक वरीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, नुकसान की निगरानी करने वाले अधिकारियों का आकलन है कि उपभोक्ताओं की बिजली की चोरी(electricity theft), या डिस्कॉम कर्मचारियों की मिलीभगत का इस नुकसान के बड़े हिस्से के रूप में योगदान ( collusion of the employees is also a big contribution)होता है.



बिजली शुल्क में संशोधन की तैयारी : SBPDCL ने अब राज्य के बिजली शुल्क को संशोधित करने के लिए नियामक डाटा तैयार की है. खरीदी गई बिजली और बेची गई बिजली के आधार पर खातों का सामंजस्य देखा जाएगा. बिजली चोरी के खिलाफ अभियान (campaign against electricity theft) शुरू करके अपने नुकसान को रोकने के लिए अभियान चला रही है. इस साल जनवरी से 25 जुलाई तक में 5 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से गलत उपभोक्ताओं के खिलाफ रिकॉर्ड प्राथमिकी दर्ज 500 उपभोक्ताओं पर जुर्माना किए जाने के बाद ये आंकड़ा 5 करोड़ 60 लाख हो गया है. इसके बाद मीटर में छेड़छाड़ करने वाले 260 अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिनसे मई में 1 करोड़ की वसूली की गई थी.

लागत की 65 फीसदी ही हो पा रही वसूली : बिजली विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, उपभोक्ताओं को बिल देने के बावजूद हम अपनी इनपुट लागत का लगभग 65% ही वसूल कर पा रहे है. इसका मतलब यह हुआ कि कई उपभोक्ता चुपके से ऊर्जा मीटरों को दरकिनार (meter tampering) कर रहे हैं और एसी, फ्रिज और अन्य ज्यादा वोल्टेज वाली वस्तुओं को चलाने के लिए हमारी बिजली का लाभ उठा रहे हैं, जिससे हमारा नुकसान हो रहा है. हमारे एटी एंड सी नुकसान का बड़ा हिस्सा उपभोक्ताओं की ओर से बिजली की चोरी के कारण है.अधिकारी ने साफ तौर पर बताया कि बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. अब तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है जिस से बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा अभी बिजली चोरी ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक हो रही है. वैसे कर्मचारी को भी चिन्हित किए जा रहे हैं जो उपभोक्ताओं से मिली भगत करके बिजली कंपनी को नुकसान करा रहे हैं.

ये भी पढ़ें :- '40 हजार दीजिए नहीं तो घर में छापेमारी हो जाएगी..' बिजली चोरी का डर दिखाकर ले ली 40 हजार की रिश्वत


2023 तक सभी बिजली मीटर हो जाएंगे स्मार्ट प्रीपेड : पटना में बिजली की आपूर्ति करने वाली पेसू ( Patna Electricity Supply Unit) के अधिकारी का मानना है कि शहर की हमारी टीम ने एक दिन में हजारों घरों का निरीक्षण किया, जिनमें से 8% पटना में बिजली चोरी करते पाए गए थे. सबसे ज्यादा मामला बिजली मीटर को बायपास कर उपभोक्ता के बिजली जलाने का मिला. इसलिए बिजली की चोरी पर लगाम लगाने के लिए डिस्कॉम ने पुराने पोस्टपेड ऊर्जा मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है और कई उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा भी दिया गया है. अधिकारी का मानना है कि स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने का विरोध उन क्षेत्रों में अधिक होता है जहां बिजली चोरी होती है. उन्होंने बताया कि 6 लाख उपभोक्ताओं में से 1 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड बिजली के मीटर लगाए जा चुके हैं. सभी पोस्टपेड बिजली कनेक्शनों को 2023 तक स्मार्ट प्रीपेड ऊर्जा मीटर में बदल दिया जाएगा. बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ता के खिलाफ अभियान को जारी रखा गया है.

ये भी पढ़ें :- अब बिहार में तेजी से लगाए जाएंगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर, कम होगा बिजली का नुकसान

पटना: बिहार की दो सरकारी स्वामित्व वाली डिस्कॉम में से SBPDCL एक है, जो राजधानी पटना सहित 38 जिलों में से 17 को बिजली की आपूर्ति करती है. उपभोक्ताओं को लगभग 65% बिजली का बिल दे रही है जो इसके वितरण में जाती है. शेष 35% कुल संचरण और वाणिज्यिक हानि के रूप में खो जाता है जब नियामक केवल 15% की मंजूरी देता है. बिजली विभाग के एक वरीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, नुकसान की निगरानी करने वाले अधिकारियों का आकलन है कि उपभोक्ताओं की बिजली की चोरी(electricity theft), या डिस्कॉम कर्मचारियों की मिलीभगत का इस नुकसान के बड़े हिस्से के रूप में योगदान ( collusion of the employees is also a big contribution)होता है.



बिजली शुल्क में संशोधन की तैयारी : SBPDCL ने अब राज्य के बिजली शुल्क को संशोधित करने के लिए नियामक डाटा तैयार की है. खरीदी गई बिजली और बेची गई बिजली के आधार पर खातों का सामंजस्य देखा जाएगा. बिजली चोरी के खिलाफ अभियान (campaign against electricity theft) शुरू करके अपने नुकसान को रोकने के लिए अभियान चला रही है. इस साल जनवरी से 25 जुलाई तक में 5 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से गलत उपभोक्ताओं के खिलाफ रिकॉर्ड प्राथमिकी दर्ज 500 उपभोक्ताओं पर जुर्माना किए जाने के बाद ये आंकड़ा 5 करोड़ 60 लाख हो गया है. इसके बाद मीटर में छेड़छाड़ करने वाले 260 अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिनसे मई में 1 करोड़ की वसूली की गई थी.

लागत की 65 फीसदी ही हो पा रही वसूली : बिजली विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, उपभोक्ताओं को बिल देने के बावजूद हम अपनी इनपुट लागत का लगभग 65% ही वसूल कर पा रहे है. इसका मतलब यह हुआ कि कई उपभोक्ता चुपके से ऊर्जा मीटरों को दरकिनार (meter tampering) कर रहे हैं और एसी, फ्रिज और अन्य ज्यादा वोल्टेज वाली वस्तुओं को चलाने के लिए हमारी बिजली का लाभ उठा रहे हैं, जिससे हमारा नुकसान हो रहा है. हमारे एटी एंड सी नुकसान का बड़ा हिस्सा उपभोक्ताओं की ओर से बिजली की चोरी के कारण है.अधिकारी ने साफ तौर पर बताया कि बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. अब तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है जिस से बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा अभी बिजली चोरी ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक हो रही है. वैसे कर्मचारी को भी चिन्हित किए जा रहे हैं जो उपभोक्ताओं से मिली भगत करके बिजली कंपनी को नुकसान करा रहे हैं.

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2023 तक सभी बिजली मीटर हो जाएंगे स्मार्ट प्रीपेड : पटना में बिजली की आपूर्ति करने वाली पेसू ( Patna Electricity Supply Unit) के अधिकारी का मानना है कि शहर की हमारी टीम ने एक दिन में हजारों घरों का निरीक्षण किया, जिनमें से 8% पटना में बिजली चोरी करते पाए गए थे. सबसे ज्यादा मामला बिजली मीटर को बायपास कर उपभोक्ता के बिजली जलाने का मिला. इसलिए बिजली की चोरी पर लगाम लगाने के लिए डिस्कॉम ने पुराने पोस्टपेड ऊर्जा मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है और कई उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा भी दिया गया है. अधिकारी का मानना है कि स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने का विरोध उन क्षेत्रों में अधिक होता है जहां बिजली चोरी होती है. उन्होंने बताया कि 6 लाख उपभोक्ताओं में से 1 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड बिजली के मीटर लगाए जा चुके हैं. सभी पोस्टपेड बिजली कनेक्शनों को 2023 तक स्मार्ट प्रीपेड ऊर्जा मीटर में बदल दिया जाएगा. बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ता के खिलाफ अभियान को जारी रखा गया है.

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