पटना: बिहार में कोरोना महामारी (Corona Infection) के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. पटना हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे डिजिटल पोर्टल के मामले पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा. चीफ जस्टिस (Chief Justice) संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक और अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई की.
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कोर्ट में हुई चर्चा
राज्य में चल रहे पोर्टल के मामले पर इसमें सार्वजनिक रूप से साझा किए जाने के संबंध में कोर्ट में चर्चा हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के योजना और विकास आयुक्त आमिर सुभानी और आईटी सचिव संतोष कुमार मल्ल भी शामिल थे. एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि राज्य में चल रहे पोर्टल केंद्रीय कानून के तहत हैं.
नियम बनाने की नहीं है जरूरत
ललित किशोर ने कहा कि पोर्टल को आम जनता के लिए नहीं उपलब्ध कराया जा सकता है. क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. राज्य में पोर्टल केंद्र के कानून के दायरे में चल रहे हैं. इसमें राज्य सरकार को नियम बनाने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में किसी तरह की शिकायत भी नहीं आई है.
अगली सुनवाई में जानकारी देने का निर्देश
यह जन्म और मृत्यु निबंधन एक्ट, 1969 के स्कीम के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया राज्य में डिजिटल पोर्टल के संचालन के लिए अधिकृत करेंगे. वहीं इनका संचालन करेंगे. कोर्ट ने राज्य सरकार को Covid-19 के मरीजों की मृत्यु से संबंधित आंकड़े में हुई गड़बड़ी के संबंध में अगली सुनवाई में जानकारी देने को कहा है.
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आंकड़ों में हुई गड़बड़ी
बता दें कि 7 जून, 2021 को Covid-19 से मरने वालों की संख्या 5424 बताई गई. जबकि 8 जून, 2021 को संशोधित आंकड़े में यह संख्या 9375 बताई गई. एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इस मामले में स्वयं कार्रवाई कर रही है. जो भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
कमेटी का किया गया गठन
शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे पोर्टल के मामले पर सरकार के हलफनामे पर असंतोष व्यक्त किया था. चीफ जस्टिस (Chief Justice) संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए फिर से विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने पिछले महीने सरकार से कोरोना से मौत के आंकड़ों की सही गिनती करने को कहा था. इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी.
पंचायत स्तर पर मौत की गणना
इसके बाद से आंकड़ों में बदलाव देखा गया. सरकार के मुताबिक कोरोना की दोनों लहरों के दौरान 5424 मौतें हुईं. लेकिन, जब पटना हाईकोर्ट ने सरकार पर दबाव डाला और पंचायत स्तर पर मौत की गणना कर रिपोर्ट देने को कहा, तब चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए.
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मौत के आंकड़े को रिवाइज करने के बाद कुल 3951 अन्य लोगों की कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है. जिसके बाद दोनों लहर में मृतकों की संख्या 10 हजार के करीब पहुंच गई है.