पटना: राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से लंबे समय से उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की है. उन्होंने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार के अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है.
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याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि 2003 से ले कर अब तक कई विभागों ने उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया है. उन्होंने बताया कि 18 महीने के किसी भी व्यय से संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए, लेकिन लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है.
एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई
वकील ने बताया कि यह राशि लगभग छब्बीस हजार करोड़ की है, जिसका अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. यह सार्वजनिक धनराशि के दुरपयोग का मामला हो सकता है. इस मामले पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी.