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पटना HC ने UP के ड्राइवर की गिरफ्तारी पर सुनाया फैसला, 5 लाख मुआवजा देने का निर्देश - पटना हाई कोर्ट ड्राइवर फैसला न्यूज

पटना हाईकोर्ट ने सारण पुलिस की ओर से एक मिल्क टैंकर के ड्राइवर को अवैध रूप से गिरफ्तार करने के मामले में सुनवाई की. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को बतौर 5 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

Patna HC decision on arrest of UP driver in Saran
Patna HC decision on arrest of UP driver in Saran
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Published : Dec 22, 2020, 5:02 PM IST

पटना: लॉकडाउन के दौरान सारण पुलिस ने एक मिल्क टैंकर के ड्राइवर को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ित ड्राइवर जीतेंद्र कुमार को बतौर मुआवजा 5 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने की है.

बता दें कि सुमित कुमार की हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) रिट याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई पूरी कर 18 सितंबर 2020 को ही फैसला सुरक्षित रखा था. इस फैसले को अब 23 दिसंबर 2020 में सुनाया गया है.

यूपी का रहने वाला है ड्राइवर
पूरा मामला है कि सारण पुलिस ने मई महीने में बिना एफआईआर दर्ज किए ही ड्राइवर जीतेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. वो उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का रहने वाला है. उस जब गिरफ्तार किया गया तो उसका कोई अतापता नहीं चला कि वो कहां का रहने वाला है. इसके बाद 15 मई को ईमेल के जरिए यह याचिका हाई कोर्ट भेजी गई.

डीजीपी को निर्देश
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को हैरानी इस बात की हुई कि 29 अप्रैल 2020 के पहले जिस गिरफ्तारी की पुष्टि सारण पुलिस ने की, उस मामले में प्राथमिकी 3 जून को दर्ज की गई. इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दोषी पुलसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को इस संबंध में दिशा-निर्देश सभी थानों में भेजने का निर्देश दिया.

पटना: लॉकडाउन के दौरान सारण पुलिस ने एक मिल्क टैंकर के ड्राइवर को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पीड़ित ड्राइवर जीतेंद्र कुमार को बतौर मुआवजा 5 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने की है.

बता दें कि सुमित कुमार की हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) रिट याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई पूरी कर 18 सितंबर 2020 को ही फैसला सुरक्षित रखा था. इस फैसले को अब 23 दिसंबर 2020 में सुनाया गया है.

यूपी का रहने वाला है ड्राइवर
पूरा मामला है कि सारण पुलिस ने मई महीने में बिना एफआईआर दर्ज किए ही ड्राइवर जीतेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. वो उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का रहने वाला है. उस जब गिरफ्तार किया गया तो उसका कोई अतापता नहीं चला कि वो कहां का रहने वाला है. इसके बाद 15 मई को ईमेल के जरिए यह याचिका हाई कोर्ट भेजी गई.

डीजीपी को निर्देश
इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को हैरानी इस बात की हुई कि 29 अप्रैल 2020 के पहले जिस गिरफ्तारी की पुष्टि सारण पुलिस ने की, उस मामले में प्राथमिकी 3 जून को दर्ज की गई. इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दोषी पुलसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को इस संबंध में दिशा-निर्देश सभी थानों में भेजने का निर्देश दिया.

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