पटना: पटना हाइकोर्ट ने नामजद अभियुक्त के साथ पुलिस कस्टडी में टार्चर पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी (Patna HC Bans Torture In Police Custody) किया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने दीपक द्विवेदी की क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए गोपालगंज के एसडीओ को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया गया था कि अभियुक्त बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के एक सोची समझी साजिश के तहत 24-30 संख्या में लोगों को एकत्रित कर 13 अक्टूबर को 2016 को धार्मिक अहिंसा फैलाने का अपराध किया था.
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पटना HC ने राज्य को नोटिस जारी किया : याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने एसडीओ गोपालगंज की अनुमति से यह प्रदर्शन आयोजित किया था. मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अफसरों ने मनमानी करते हुए उसे एक शादी समारोह से गिरफ्तार कर उसे बुरी तरह से ज़ख्मी कर दिया.
पटना HC ने पुलिस कस्टडी में टार्चर पर रोक लगाई : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 21.02.2017 को पुलिस अफसरों ने मनमानी करते हुए उसे एक शादी समारोह से गिरफ्तार कर उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया. कोर्ट से गुहार की गई है कि मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर, 2022 को होगी.
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