पटना: राजधानी के अनीसाबाद की रहने वाली अर्चना पांडे की जीवन यात्रा कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है. अर्चना पांडे दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कई क्षेत्रों से गुजरकर आज कैब चलाती हैं और अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में अर्चना ने बताया कि मेरी शादी कम उम्र में हो गई थी और अभी मेरे 4 बच्चे हैं. इन बच्चों को पालने पोसने और उच्च शिक्षा देने के लिए कैब चलाती हूं.
पटना की पहली कैब ड्राइवर अर्चना पांडे की कहानी: अर्चना पांडे ने बताया कि पहले मैंने नौकरी की, उसके बाद बिजनेस और आज कैब चलाना पड़ रहा है. 2 सालों से कैब चला रही हूं. बिहार की पहली कैब चालक हूं. लेकिन उन्होंने बताया कि परिवार की ऐसी स्थिति बनी जिससे कि मुझे सबसे पहले नौकरी करनी पड़ी और नौकरी के बाद बिजनेस भी शुरू किया. बिजनेस चल नहीं पाया, जिस कारण से उसे भी बंद करना पड़ा और मजबूरी में मुझे लोन लेकर कार लेनी पड़ी. इस कार के भरोसे ही आज चार बच्चों के साथ साथ मेरा भरण पोषण होता है.
"मैं पढ़ी-लिखी हूं. पढ़ी-लिखी होने के बावजूद मुझे कुछ और नहीं सूझा चार-चार बच्चों का जिम्मेदारी मेरे ऊपर है. उनकी पढ़ाई लिखाई से लेकर तमाम चीजें करनी होती है. मैं नौकरी करने से अच्छा खुद की गाड़ी चलाना समझती हूं. इसलिए मैं कैब चलाती हूं और इस कैब की बदौलत मैं बिहार के साथ-साथ कई अन्य राज्य और नेपाल भी जा चुकी हूं."- अर्चना पांडे, पटना की पहली कैब ड्राइवर
'आदत और जिम्मेवारी बन गया है मेरा काम': अर्चना ने कहा कि गाड़ी चलाने का तो शौक मुझे बचपन से है लेकिन मैं कार चलाने से पहले ट्रेनिंग भी ले चुकी हूं, जिससे मेरे साथ साथ अन्य यात्रियों को परेशानी ना हो. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में पैसेंजर को लेकर जाने में डर बना रहता था लेकिन अब आदत और जिम्मेवारी बन गई है .भले ही लोग तरह-तरह की बात आज बिहार में करते हैं लेकिन मैं उनकी बातों की परवाह नहीं करती और अपने सफर में आगे बढ़ रही हूं. मेरा सपना है कि हम महिला होकर जिस तरह से अपने बाल बच्चों की परवरिस कर रही हूं ठीक उसी प्रकार मेरे जैसी और भी कई महिलाएं हैं.
महिलाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी: अब अर्चना दूसरी महिलाओं को भी आगे लाना चाहती हैं. अर्चना ने बताया कि बहुत सी महिलाओं और लड़कियां भी गाड़ी चलाने की इच्छा लेकर मेरे पास आती हैं. इसलिए अब मैं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोलने पर विचार कर रही हूं. जब मेरे सेंटर से महिलाएं ट्रेनिंग लेकर निकलेंगी और काम करना चाहेंगी तो मैं टूर एंड ट्रेवल्स के माध्यम से उनको रोजगार भी दूंगी. उन्होंने कहा कि मेरे टूर एंड ट्रेवल्स में महिला यात्रियों को प्राथमिकता भी दी जाएगी.
"महिला यात्री के साथ साथ महिला चालक रहेंगी तो महिला यात्रियों को भी अच्छा लगेगा, आनंद आएगा और सफर आसान होगा. कैब से प्रतिदिन इतनी कमाई हो जाती है कि हम परिवार का भरण पोषण कर सके. मैं आगे और भी प्रयास कर रही हूं जिससे कि आमदनी बढ़े जिससे की बेटियों की शादी भी अच्छे ढंग से हो सके."- अर्चना पांडे, पटना की पहली कैब ड्राइवर