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मिसाल: पटना के डॉक्टर एजाज अली सिर्फ ₹10 में करते हैं इलाज, दूर-दूर से आते हैं मरीज

लोग महंगे इलाज के खर्च से तबाह हो जाते हैं. ऐसे में पटना के एक डॉक्‍टर सालों से मात्र 10 रुपये में मरीजों का इलाज (Treatment of patients for 10 rupees in patna) कर रहे हैं. हर रोज उनके क्लिनिक में मरीजों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन वे किसी को निराश नहीं करते. पढ़ें पूरी खबर..

Treatment of patients for 10 rupees in patna
Treatment of patients for 10 rupees in patna
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Published : Apr 11, 2022, 8:21 PM IST

पटना: कोरोना संकटकाल में इलाज के अभाव में हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए, जो बच गए उनका चिकित्सकों ने जमकर दोहन किया. लेकिन कुछ डॉक्टरों ने कोरोना काल में भी मरीजों को बहुत मदद पहुंचायी थी. आज भी धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने मिसाल पेश की है. पटना के चिकित्सक एजाज अली (patna doctor ejaz ali) गरीबों और मुसीबत में फंसे लोगों के लिए मसीहा से कम नहीं है. महज दस रुपये में वो मरीजों का इलाज करते हैं. उनके इलाज की सभी प्रशंसा कर रहे हैं.

पढ़ें- यहां आप सिर्फ 2 रुपये में कर सकेंगे पूरी BPSC की तैयारी

एजाज अली ₹10 में करते हैं इलाज: राजधानी पटना में चिकित्सकों की भरमार है. लेकिन अगर नामी-गिरामी चिकित्सकों (health system of bihar) से अपना इलाज करवाना चाहते हैं तो आपको पानी की तरह पैसा बहाना पड़ता है और इलाज के नाम पर भी ठगी का धंधा चलता है. पटना के ज्यादातर चिकित्सक हजार रुपए से अधिक फीस वसूलते हैं और दोबारा तुरंत आने पर भी उनको फीस देना पड़ता है. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए एजाज भगवान रूपी डॉक्टर हैं.

रह चुके हैं राज्य सभा सांसद: डॉ एजाज अली पेशे से तो चिकित्सक हैं, वह राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. एजाज अली गरीबों के दर्द को शिद्दत से महसूस करते हैं और आज तक उन्होंने फीस में कोई इजाफा नहीं किया. डॉ एजाज अली सिर्फ ₹10 में रोगियों का इलाज करते हैं. 1994 में जब डॉक्टर एजाज अली ने कारवां (Caravan clinic in patna) की शुरुआत की थी तो उस समय भी फीस ₹10 ही थे और आज भी इसमें कोई इजाफा नहीं हुआ है.

हर बीमारी का इलाज और जांच: जिनके पास ऑपरेशन का पैसा नहीं होता उनका इलाज भी एजाज अली मुफ्त में करते हैं. जांच में भी इनके रेफरेंस पर कम पैसा लिया जाता है. फिलहाल डॉक्टर एजाज अली राजधानी पटना में दो क्लिनिक चलाते हैं भिखना पहाड़ी में सबसे पुराना क्लिनिक है और अब दीघा आशियाना रोड में भी डॉ एजाज अली खुले छत के नीचे गरीबों का इलाज करते हैं. बिहार के कोने-कोने से गरीब और जरूरतमंद डॉक्टर एजाज अली से इलाज कराने पहुंचते हैं.

"1994 से मैंने प्रैक्टिस शुरू की थी और मैंने कभी भी फीस में इजाफा नहीं किया. शुरुआती दौर में भी ₹10 फीस मैं लेता था और आज भी मैं ₹10 फीस लेता हूं. पटना के अन्य चिकित्सकों से भी मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि वह गरीबों का दुख दर्द समझें और कम पैसे में भी जरूरतमंदों का इलाज करें."- डॉक्टर एजाज अली

एक और क्लिनिक में होता है सस्ता इलाज: डॉ एजाज अली के अलावा पटना में एक और चिकित्सक हैं जो गरीबों का ख्याल रखते हैं. राजधानी पटना स्थित एनी बेसेंट रोड में पाली क्लिनिक है जिसके देखभाल का जिम्मा डॉक्टर ए के गौर और उनकी टीम के पास है. पाली क्लिनिक (pali clinic in patna) में पेशेंट से ₹100 फीस ली जाती है और 15 दिनों तक वह किसी भी डॉक्टर से इलाज करा सकते हैं. जांच भी काफी कम कीमत पर पाली क्लिनिक में कराया जाता है. आपको बता दें कि पाली क्लिनिक की शुरुआत 1982 से हुई थी और आज तक अनवरत क्लिनिक चल रहा है. संस्था को कोई सहयोग नहीं मिलता बल्कि अपने खर्चे से संस्था चलती है.

दूर दराज इलाकों से इलाज के लिए पहुंचते हैं मरीज: डॉ एके गौर और उनकी टीम भी गरीबों के हितों को लेकर संवेदनशील है. शुरुआती दौर में पाली क्लिनिक में ₹10 फीस ली जाती थी लेकिन अब वह बढ़ाकर ₹100 कर दिए गए हैं. डॉ एके गौर का कहना है कि बिहार की ज्यादातर जनता गरीबी रेखा से नीचे है और वह महंगी इलाज नहीं करा सकती. सरकारी अस्पतालों में भी उन्हें भीड़ का सामना करना पड़ता है. वैसे स्थिति में हमने पाली क्लिनिक के जरिए तमाम व्यवस्था मुहैया कराने की कोशिश की है. बिहार के दूर दराज इलाकों से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं.

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पटना: कोरोना संकटकाल में इलाज के अभाव में हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए, जो बच गए उनका चिकित्सकों ने जमकर दोहन किया. लेकिन कुछ डॉक्टरों ने कोरोना काल में भी मरीजों को बहुत मदद पहुंचायी थी. आज भी धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने मिसाल पेश की है. पटना के चिकित्सक एजाज अली (patna doctor ejaz ali) गरीबों और मुसीबत में फंसे लोगों के लिए मसीहा से कम नहीं है. महज दस रुपये में वो मरीजों का इलाज करते हैं. उनके इलाज की सभी प्रशंसा कर रहे हैं.

पढ़ें- यहां आप सिर्फ 2 रुपये में कर सकेंगे पूरी BPSC की तैयारी

एजाज अली ₹10 में करते हैं इलाज: राजधानी पटना में चिकित्सकों की भरमार है. लेकिन अगर नामी-गिरामी चिकित्सकों (health system of bihar) से अपना इलाज करवाना चाहते हैं तो आपको पानी की तरह पैसा बहाना पड़ता है और इलाज के नाम पर भी ठगी का धंधा चलता है. पटना के ज्यादातर चिकित्सक हजार रुपए से अधिक फीस वसूलते हैं और दोबारा तुरंत आने पर भी उनको फीस देना पड़ता है. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए एजाज भगवान रूपी डॉक्टर हैं.

रह चुके हैं राज्य सभा सांसद: डॉ एजाज अली पेशे से तो चिकित्सक हैं, वह राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. एजाज अली गरीबों के दर्द को शिद्दत से महसूस करते हैं और आज तक उन्होंने फीस में कोई इजाफा नहीं किया. डॉ एजाज अली सिर्फ ₹10 में रोगियों का इलाज करते हैं. 1994 में जब डॉक्टर एजाज अली ने कारवां (Caravan clinic in patna) की शुरुआत की थी तो उस समय भी फीस ₹10 ही थे और आज भी इसमें कोई इजाफा नहीं हुआ है.

हर बीमारी का इलाज और जांच: जिनके पास ऑपरेशन का पैसा नहीं होता उनका इलाज भी एजाज अली मुफ्त में करते हैं. जांच में भी इनके रेफरेंस पर कम पैसा लिया जाता है. फिलहाल डॉक्टर एजाज अली राजधानी पटना में दो क्लिनिक चलाते हैं भिखना पहाड़ी में सबसे पुराना क्लिनिक है और अब दीघा आशियाना रोड में भी डॉ एजाज अली खुले छत के नीचे गरीबों का इलाज करते हैं. बिहार के कोने-कोने से गरीब और जरूरतमंद डॉक्टर एजाज अली से इलाज कराने पहुंचते हैं.

"1994 से मैंने प्रैक्टिस शुरू की थी और मैंने कभी भी फीस में इजाफा नहीं किया. शुरुआती दौर में भी ₹10 फीस मैं लेता था और आज भी मैं ₹10 फीस लेता हूं. पटना के अन्य चिकित्सकों से भी मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि वह गरीबों का दुख दर्द समझें और कम पैसे में भी जरूरतमंदों का इलाज करें."- डॉक्टर एजाज अली

एक और क्लिनिक में होता है सस्ता इलाज: डॉ एजाज अली के अलावा पटना में एक और चिकित्सक हैं जो गरीबों का ख्याल रखते हैं. राजधानी पटना स्थित एनी बेसेंट रोड में पाली क्लिनिक है जिसके देखभाल का जिम्मा डॉक्टर ए के गौर और उनकी टीम के पास है. पाली क्लिनिक (pali clinic in patna) में पेशेंट से ₹100 फीस ली जाती है और 15 दिनों तक वह किसी भी डॉक्टर से इलाज करा सकते हैं. जांच भी काफी कम कीमत पर पाली क्लिनिक में कराया जाता है. आपको बता दें कि पाली क्लिनिक की शुरुआत 1982 से हुई थी और आज तक अनवरत क्लिनिक चल रहा है. संस्था को कोई सहयोग नहीं मिलता बल्कि अपने खर्चे से संस्था चलती है.

दूर दराज इलाकों से इलाज के लिए पहुंचते हैं मरीज: डॉ एके गौर और उनकी टीम भी गरीबों के हितों को लेकर संवेदनशील है. शुरुआती दौर में पाली क्लिनिक में ₹10 फीस ली जाती थी लेकिन अब वह बढ़ाकर ₹100 कर दिए गए हैं. डॉ एके गौर का कहना है कि बिहार की ज्यादातर जनता गरीबी रेखा से नीचे है और वह महंगी इलाज नहीं करा सकती. सरकारी अस्पतालों में भी उन्हें भीड़ का सामना करना पड़ता है. वैसे स्थिति में हमने पाली क्लिनिक के जरिए तमाम व्यवस्था मुहैया कराने की कोशिश की है. बिहार के दूर दराज इलाकों से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं.

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