पटना: राजधानी पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर ने पटना सदर सीओ पर अर्थदंड लगाया. डीएम द्वारा शुक्रवार को कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई और उसका निवारण किया गया. इस लोक शिकायत निवारण में शिथिलता, संवेदनहीनता एवं अरूचि प्रदर्शित करने के आरोप में पुनपुन अंचल अधिकारी के खिलाफ मामला बनने के बाद पच्चीस सौ रुपए का अर्थदंड लगाया है. इसके साथ ही दानापुर अनुमंडल में पिछले 10 साल में पदस्थापित सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने के आरोप में जिम्मेदारी निर्धारित करने का निर्देश दिया है. इसके अतिरिक्त मसौढ़ी अनुमंडल के पुनपुन अंचल में तत्कालीन एवं वर्तमान राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करने का आदेश दिया.
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डीएम ने किया लोक शिकायत निवारण: डीएम द्वारा जिला समाहरणालय में आज लोक शिकायत के कुल 16 मामलों की सुनवाई की गई. जिनमें कुल 06 मामलों का निवारण किया गया. वहीं 10 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया. लोक शिकायत निवारण करवाने आए ग्रामीण ज्योत कुमार शहर/ग्राम पतुत, पोस्ट-पतुत, अंचल-विक्रम, अनुमंडल-पालीगंज द्वारा परिवाद दर्ज कराया गया था. उनकी शिकायत राजस्व रसीद कटवाने से संबंधित है.
सीओ की लापरवाही: जिलाधिकारी ने सुनवाई के क्रम में पाया कि भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर द्वारा अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्य किया गया है. पहले से ही समाहर्ता न्यायालय द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता को आदेश दिया गया था कि भू-हदबंदी धारा 16(3) वाद संख्या 04/2011-12 में जमाकर्ता के द्वारा जमा की गई क्रय राशि के 10 प्रतिशत के समतुल्य राशि के साथ एकमुश्त बिना सूद के सत्यापनोपरान्त लौटा दें. परन्तु भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया और अपने क्षेत्राधिकार का से बाहर जाकर परिवादी के शिकायत का निवारण नहीं किया गया.
डीएम के आदेश का अनुपालन नहीं: डीएम ने इस मामले की जानकारी मिलने के बाद कहा कि यह अत्यंत आपत्तिजनक है. यह लोक प्राधिकार द्वारा लोक शिकायत निवारण में संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा कि इसके कारण ज्योत कुमार के मामले को दस साल से निष्पादित नहीं किया गया. उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर को 24 घंटे के अंदर आदेश का अनुपालन कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. डीएम ने निर्देशित करते हुए कहा कि कल 11 फरवरी को 10.30 बजे पुनः इसकी सुनवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर को साल 2013 से अभी तक पदस्थापित सभी दोषी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं से स्पष्टीकरण मांगते हुए उन सभी के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित करने का प्रतिवेदन उपलब्ध करने का निर्देश दिया.
अंचल अधिकारी को दी गई चेतावनी: ऐसे ही एक और मामले में परिवादी डाॅ. बी डी साह, सेवानिवृत प्रधानाचार्य, शहर/ग्राम-विजय नगर, रोड नं0-2, हनुमान नगर, अंचल-पटना सदर द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के संबंध में परिवाद दिया था. जिसकी सुनवाई में पाया गया कि लोक प्राधिकार अंचलाधिकारी, पटना सदर द्वारा इस मामले में कोई अभिरूचि नहीं दिखाई दी. उनके द्वारा प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष निर्धारित तिथि को इस मामले में न ही प्रतिवेदन समर्पित किया गया और न ही सुनवाई में भाग लिया गया. उन्हें प्रथम अपीलीय प्राधिकार-सह-अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना द्वारा चेतावनी भी दी गई थी. इसके बावजूद अंचल अधिकारी, पटना सदर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
2500 रुपए का अर्थदंड: इन सारी सूचनाओं के बाद डीएम ने कहा कि यह लोक प्राधिकार द्वारा लोक शिकायत निवारण के प्रति संवेदनहीनता एवं अरूचि को प्रदर्शित करता है. उनके इस कार्यशैली के कारण परिवादी के शिकायत का निवारण 15 महीना से अधिक समय से नहीं हो पाया. इसके लिए प्रथम अपीलीय प्राधिकार के भी अंचल अधिकारी, पटना सदर के विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणी है. डीएम डाॅ. सिंह ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, पटना सदर के विरूद्ध 2,500 रुपये का अर्थदंड लगाया.
सही काम के बावजूद कर्मचारियों की गलत मंशा: इसके साथ ही उन्होंने अंचल अधिकारी को भी निर्देश दिया कि सभी पक्षों को सुनकर मुखर आदेश पारित कर दिनांक 17.03.2023 को प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे. एक अन्य मामले में अपीलार्थी शरद कुमार सिंह, ग्राम-लोदीपुर, पुनपुन, पटना ने दाखिल-खारिज वाद के संबंध में शिकायत की थी. इसकी सुनवाई में पाया गया कि परिवादी के शिकायत का निवारण हो गया है. इसके बावजूद भी फिर भी गलत मंशा से दो राजस्व कर्मचारियों-तत्कालीन एवं वर्तमान ने मामले को लंबित रखा है. उनके मामले को पहले अस्वीकृत एवं पुनः आवेदन दाखिल करने पर स्वीकृत किया गया.
दस दिनों के भीतर करना होता है काम: जिलाधिकारी पटना ने कहा कि राजस्व कर्मचारी को नियमतः 10 दिनों के अंदर प्रतिवेदन समर्पित करना होता है. परन्तु उनके द्वारा 42 दिनों में प्रतिवेदन समर्पित किया गया. इसके फलस्वरूप वादी शारदा कुमार को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा. इस पर डीएम ने भूमि सुधार उप समाहर्ता, मसौढ़ी को पुनपुन अंचल के दोषी राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित कर भेजने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि दोषी राजस्व कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. साथ ही कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है. इसके लिए अधिकारियों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी.
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