पटनाः राजेश्वर हॉस्पिटल पर लगे आरोपों की जांच अब जिला प्रशासन की टीम भी करेगी. मामला कोरोना संक्रमित इंजीनियर के इलाज में लापरवाही बरतने और उसकी पत्नी से छेड़खानी का है. डीएम डाॅ. चंद्रशेखर सिंह के आदेश के बाद जांच टीम गठित कर ली गई है. जांच टीम में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ डॉक्टर भी रहेंगे. जिला प्रशासन की सिविल सर्जन से भी इस मुद्दे को लेकर बातचीत हुई है.
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अस्पताल पहुंचकर जांच करेगी टीम
जांच टीम एक-दो दिनों में अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच करेगी. जांच टीम को पत्रकारनगर थाने में दर्ज एफआईआर और महिला का वीडियो रिकार्डिंग उपलब्ध करा दिया गया है. इधर, पुलिस रविवार को भी अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ करेगी. डीएम ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
संदेह के घेरे में हैं कर्मी
इंजीनियर रोशन की पत्नी ने आरोप लगाया है कि जब उसके पति आइसीयू में एडमिट थे, तब उसके साथ बदसलूकी और छेड़खानी की गई है. कई और मरीजों की महिला परिजनों ने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं. मामले में अब वार्ड ब्वाॅय, आईसीयू इंचार्ज सहित कई अन्य अस्पताल कर्मी संदेह के घेरे में हैं.
कई बिंदुओं पर होगी जांच
कुछ के खिलाफ पुलिस को साक्ष्य भी मिले हैं. अस्पताल प्रशासन पर ऑक्सीजन की कालाबाजारी का भी आरोप है. इंजीनियर की पत्नी ने कहा कि देर रात अस्पताल के कर्मी ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर देते थे. इसके बाद अस्पताल का ही ऑक्सीजन मरीज के परिजनों को बेचते थे. जिला प्रशासन की तरफ से गठित मेडिकल बोर्ड इस मामले की भी जांच करेगा.
आठ मई को हो गयी थी मौत
नोएडा के इंजीनियर रोशन चंद्रा की राजेश्वर अस्पताल में 8 मई को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वे कोरोना पीड़ित थे. 8 मई तक राजेश्वर अस्पताल में रोशन के वार्ड में कौन-कौन मरीज भर्ती थे, पुलिस ने उनकी सूची तैयार की है. इनमें कई मरीज ठीक होकर चले गए हैं. पुलिस ने उन मरीजाें के परिजनों से बात की. अस्पताल में हुई समस्याओं के बारे में जानकारी ली. पुलिस ने शनिवार को भी अस्पताल में भर्ती कई मरीजाें के परिजनों से पूछताछ की है.
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