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बिहार का पैसा बिहार के ही विकास में खर्च करें बैंक: उपमुख्यमंत्री

बैंक बिहार का पैसा बिहार के विकास में ही खर्च करें. बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) ने 81 वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक (bankers committee meeting) का शुभारंभ करते हुए ये बात कही.

बैंकर्स समिति की बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद
बैंकर्स समिति की बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद
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Published : Jul 28, 2022, 3:49 PM IST

पटना : बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि हम आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं. सरकार गरीबों और पिछड़े समाज के लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित कर रही है. इन सबका राज्य की समृद्धि में बड़ा योगदान है. सरकार चाहती है कि इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी को मिले. बैंकों को इस दिशा में काफी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है. बिहार की राशि बिहार के विकास में ही खर्च हो. उक्त बातें बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) ने स्थानीय होटल मौर्या में आयोजित 81 वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक(bankers committee meeting) का शुभारंभ करते हुए कही.

पंचायत सरकार भवनों में खुलें बैंकों की शाखाएं : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की बड़ी भूमिका है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के लोगों का जन-धन योजना के तहत बैंक खाता खोलना और डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में राशि का हस्तांतरण युगांतकारी शुरुआत है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैंक के प्रतिनिधियों को स्पष्ट तौर कहा है कि पंचायत स्तर पर पंचायत सरकार भवनों में बैंकों की शाखाएं खोली जाएं, ताकि लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो सकें. इसके अलावा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंक के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि बिहार की राशि बिहार के विकास में ही खर्च हो.


निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें बैंक : उन्होंने कहा कि चाहे कृषि का क्षेत्र हो या उद्योग का क्षेत्र, बिजनेस सेक्टर हो या अन्य क्षेत्र, सभी बैंक निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें. बैंकों का दायित्व सिर्फ ऋण देने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उन्हें लाभार्थियों का मार्गदर्शन भी करना है. हमारा प्रयास लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार के बैंकों को वार्षिक साख योजना (एसीपी) के लक्ष्य 161500 करोड़ रुपए के विरुद्ध 160837 करोड़ रुपए का कर्ज बैंकों की ओर से वितरित किया जा चुका है. यह उपलब्धि 99.59 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वार्षिक साख योजना का आकार 110000 करोड़ रुपये से बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका है. साथ ही, राज्य का साख-जमा अनुपात (सी.डी. रेशियो) मार्च 2022 के अंत में 52.96 प्रतिशत रहा है साख जमा अनुपात में पिछले वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है. यह अब तक का अधिकतम साख-जमा अनुपात है, जो सराहनीय उपलब्धि है, परंतु इस दिशा में बैंकों को और मेहनत करने की जरूरत है.

सामाजिक दायित्वों को प्रतिबद्धता के साथ पूरा करें बैंक :सभी बैंक प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना, अटल पेंशन योजना, जीवन ज्योति सुरक्षा बीमा योजना, रोजगार सृजन योजना, आवास ऋण योजना सहित अन्य विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के लक्ष्य के अनुरूप बेहतर कार्य करें. उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन का क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धूरी है. कोरोना की वैश्विक चुनौती के समय भी इस सेक्टर में हुए काम के बदौलत ही हमने विकास दर को 2.5 प्रतिशत तक रखने में कामयाबी हासिल की है. उन्होंने कहा कि जीविका और शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित स्वयं सहायता समूहों को ऋण देने और उनके बैंक लिंकेज के काम को तत्परता से पूरा करें. बिहार की अर्थव्यवस्था की उत्कृष्टता बैंकों के सकारात्मक और संवेदनशील प्रयास से ही संभव है. बैंक अपने इन सामाजिक दायित्वों को प्रतिबद्धता के साथ पूरा करें.


ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने ऋण सुविधा पर दिया जोर :इस मौके पर संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जीविका समूह की दीदियों ने बेहतर काम किया है. 291000 इंदिरा आवासों को पूर्ण करने की दिशा में बैंक वांछित लाभार्थियों को ऋण की सुविधा मुहैया कराएं. साथ ही, उन्होंने आर-सेटी के तहत प्रशिक्षित लाभार्थियों को बैंक के माध्यम से सहयोग की कार्य योजना पर काम करने की आवश्यकता बताई ताकि तकनीकी रूप से प्रशिक्षित लोगों को रोजगार के साधन प्राप्त हो सकें.


कई विभागीय सचिवों और बैंकों के अधिकारियों ने लिया भाग :इस मौके पर विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन तथा कृषि विभाग के सचिव डॉ० एन. श्रवण कुमार, वित्त विभाग के विशेष सचिव मुकेश लाल, उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक सुरेंद्र राणा, आर.बी.आई. के क्षेत्रीय विकास अधिकारी संजीव दयाल, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ० सुनील कुमार सहित विभिन्न बैंकों के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला पदाधिकारी, उप समाहर्ता (बैंकिंग) और जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक जुड़े रहे.

पटना : बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि हम आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं. सरकार गरीबों और पिछड़े समाज के लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित कर रही है. इन सबका राज्य की समृद्धि में बड़ा योगदान है. सरकार चाहती है कि इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी को मिले. बैंकों को इस दिशा में काफी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है. बिहार की राशि बिहार के विकास में ही खर्च हो. उक्त बातें बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) ने स्थानीय होटल मौर्या में आयोजित 81 वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक(bankers committee meeting) का शुभारंभ करते हुए कही.

पंचायत सरकार भवनों में खुलें बैंकों की शाखाएं : उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की बड़ी भूमिका है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के लोगों का जन-धन योजना के तहत बैंक खाता खोलना और डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में राशि का हस्तांतरण युगांतकारी शुरुआत है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैंक के प्रतिनिधियों को स्पष्ट तौर कहा है कि पंचायत स्तर पर पंचायत सरकार भवनों में बैंकों की शाखाएं खोली जाएं, ताकि लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो सकें. इसके अलावा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंक के प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि बिहार की राशि बिहार के विकास में ही खर्च हो.


निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें बैंक : उन्होंने कहा कि चाहे कृषि का क्षेत्र हो या उद्योग का क्षेत्र, बिजनेस सेक्टर हो या अन्य क्षेत्र, सभी बैंक निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करें. बैंकों का दायित्व सिर्फ ऋण देने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उन्हें लाभार्थियों का मार्गदर्शन भी करना है. हमारा प्रयास लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार के बैंकों को वार्षिक साख योजना (एसीपी) के लक्ष्य 161500 करोड़ रुपए के विरुद्ध 160837 करोड़ रुपए का कर्ज बैंकों की ओर से वितरित किया जा चुका है. यह उपलब्धि 99.59 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वार्षिक साख योजना का आकार 110000 करोड़ रुपये से बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका है. साथ ही, राज्य का साख-जमा अनुपात (सी.डी. रेशियो) मार्च 2022 के अंत में 52.96 प्रतिशत रहा है साख जमा अनुपात में पिछले वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है. यह अब तक का अधिकतम साख-जमा अनुपात है, जो सराहनीय उपलब्धि है, परंतु इस दिशा में बैंकों को और मेहनत करने की जरूरत है.

सामाजिक दायित्वों को प्रतिबद्धता के साथ पूरा करें बैंक :सभी बैंक प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना, अटल पेंशन योजना, जीवन ज्योति सुरक्षा बीमा योजना, रोजगार सृजन योजना, आवास ऋण योजना सहित अन्य विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के लक्ष्य के अनुरूप बेहतर कार्य करें. उन्होंने कहा कि कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन का क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धूरी है. कोरोना की वैश्विक चुनौती के समय भी इस सेक्टर में हुए काम के बदौलत ही हमने विकास दर को 2.5 प्रतिशत तक रखने में कामयाबी हासिल की है. उन्होंने कहा कि जीविका और शहरी आजीविका मिशन के तहत संचालित स्वयं सहायता समूहों को ऋण देने और उनके बैंक लिंकेज के काम को तत्परता से पूरा करें. बिहार की अर्थव्यवस्था की उत्कृष्टता बैंकों के सकारात्मक और संवेदनशील प्रयास से ही संभव है. बैंक अपने इन सामाजिक दायित्वों को प्रतिबद्धता के साथ पूरा करें.


ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने ऋण सुविधा पर दिया जोर :इस मौके पर संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जीविका समूह की दीदियों ने बेहतर काम किया है. 291000 इंदिरा आवासों को पूर्ण करने की दिशा में बैंक वांछित लाभार्थियों को ऋण की सुविधा मुहैया कराएं. साथ ही, उन्होंने आर-सेटी के तहत प्रशिक्षित लाभार्थियों को बैंक के माध्यम से सहयोग की कार्य योजना पर काम करने की आवश्यकता बताई ताकि तकनीकी रूप से प्रशिक्षित लोगों को रोजगार के साधन प्राप्त हो सकें.


कई विभागीय सचिवों और बैंकों के अधिकारियों ने लिया भाग :इस मौके पर विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन तथा कृषि विभाग के सचिव डॉ० एन. श्रवण कुमार, वित्त विभाग के विशेष सचिव मुकेश लाल, उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक सुरेंद्र राणा, आर.बी.आई. के क्षेत्रीय विकास अधिकारी संजीव दयाल, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ० सुनील कुमार सहित विभिन्न बैंकों के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला पदाधिकारी, उप समाहर्ता (बैंकिंग) और जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक जुड़े रहे.

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