पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) समेत सभी अदालतों में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण लगभग सवा साल से अदालती कामकाज ठप पड़ गया है. इससे न सिर्फ वकील (Advocate) बल्कि अदालती कामकाज से जुड़े कई लोगों की स्थिति दयनीय हो चुकी है. अधिकतर वकीलों को कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. वकीलों की हालत को देखते हुए पटना एडवोकेट एसोसिएशन (Patna Advocate Association) के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा (Yogesh Chandra Verma) ने चीफ जस्टीस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) को पत्र लिखा है.
चीफ जस्टिस संजय करोल को लिखा पत्र
उन्होंने चीफ जस्टिस संजय करोल को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि शीघ्र सामान्य रूप से अदालती कामकाज शुरू किया जाये. उन्होंने कहा कि करोना महामारी के दौरान अदालती कामकाज बाधित रहे. इस कारण अधिकतर वकीलों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लगभग तीस हजार वकील इस दौरान अपने गांव चले गए.
शनिवार को भी सुनावाई कराये जाने की मांग
योगश चंद्र वर्मा ने मांग कि है की कोर्ट की समयावधि को बढ़ाया जाये. साथ ही उन्होंने शनिवार को भी कोर्ट में सुनवाई की जाने की मांग की. ताकि लंबित पड़े मामलों का जल्द से जल्द निष्पादन किया जाये. उन्होंने यह भी कहा कि अगर संभव हो, तो अदालती कार्य करने के समय बढ़ाया जाए.
यह भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 1999 सेनारी नरसंहार के सभी 13 दोषी बरी
कई वकील आधुनिक तकनीक से परिचित नहीं
वरीय अधिवक्ता ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई सही तरीके से नहीं हो पाती है. बहुत से वकील आधुनिक तकनीकी से परिचित नहीं हैं. जिस कारण सुनवाई के दौरान कठिनाई होती हैं. इसलिए करोना गाइडलाइन का पालन करते हुए फिजिकल कोर्ट (Physical Court) शुरु करने की कोशिश की जाए.
यह भी पढ़ें:सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेऊर जेल में बंद 702 कैदियों को मिली जमानत