पटना: राज्य सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लाख दावे कर ले, मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति इसका पुख्ता सबूत है. यहां के मरीज बदतर हालत में इलाज कराने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन उनके लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है.
जमीन पर लेटते हैं मरीज
पीएमसीएच स्थित टाटा वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. मरीज जमीन पर लेट कर इलाज करा रहे हैं. हर जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. लोगों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. अगर मरीज इसकी शिकायत करते हैं तो उन्हें गलत सुई देकर जान से मारने की धमकी भी दी जाती है.
बदहाल स्थिति में PMCH
गरीबों की संजीवनी कहे जाने वाले इस अस्पताल में कोने-कोने से मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन यहां की बदहाल हालत देख उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. यहां मौजूद मरीजों ने बताया कि इस अस्पताल में उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है.
मरीजों ने बताई स्थिति
मरीजों ने बताया कि कुव्यवस्था की शिकायत जब उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक से की तो उन्होंने कहा कि रोजाना हजारों मरीज पीएमसीएच में इलाज कराने आते हैं. बेड भरे रहने पर हम मरीजों को बेड नहीं दे पाते हैं. इसमें वो कुछ नहीं कर सकते हैं.
क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
अस्पताल के अधीक्षक अहमद अंसारी ने कहा कि पीएमसीएच सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां हर इलाके से मरीज आते हैं. लेकिन हम यहां किसी मरीज को मना नहीं करते हैं. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं.