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बदहाल PMCH: जमीन पर लेटकर इलाज कराने के लिए मजबूर हैं मरीज

गरीबों की संजीवनी कहे जाने वाले इस अस्पताल में कोने-कोने से मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद से आते हैं. लेकिन यहां की बदहाली देख उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. यहां मौजूद मरीजों ने बताया कि इस अस्पताल में उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है.

बदहाल PMCH
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Published : Sep 16, 2019, 8:38 PM IST

पटना: राज्य सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लाख दावे कर ले, मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति इसका पुख्ता सबूत है. यहां के मरीज बदतर हालत में इलाज कराने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन उनके लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है.

जमीन पर लेटते हैं मरीज
पीएमसीएच स्थित टाटा वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. मरीज जमीन पर लेट कर इलाज करा रहे हैं. हर जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. लोगों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. अगर मरीज इसकी शिकायत करते हैं तो उन्हें गलत सुई देकर जान से मारने की धमकी भी दी जाती है.

patna
बदहाल हालत में इलाज कराते मरीज

बदहाल स्थिति में PMCH
गरीबों की संजीवनी कहे जाने वाले इस अस्पताल में कोने-कोने से मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन यहां की बदहाल हालत देख उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. यहां मौजूद मरीजों ने बताया कि इस अस्पताल में उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

मरीजों ने बताई स्थिति
मरीजों ने बताया कि कुव्यवस्था की शिकायत जब उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक से की तो उन्होंने कहा कि रोजाना हजारों मरीज पीएमसीएच में इलाज कराने आते हैं. बेड भरे रहने पर हम मरीजों को बेड नहीं दे पाते हैं. इसमें वो कुछ नहीं कर सकते हैं.

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जमीन पर लेटे मरीज

क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
अस्पताल के अधीक्षक अहमद अंसारी ने कहा कि पीएमसीएच सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां हर इलाके से मरीज आते हैं. लेकिन हम यहां किसी मरीज को मना नहीं करते हैं. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं.

पटना: राज्य सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लाख दावे कर ले, मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. यहां के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति इसका पुख्ता सबूत है. यहां के मरीज बदतर हालत में इलाज कराने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन उनके लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है.

जमीन पर लेटते हैं मरीज
पीएमसीएच स्थित टाटा वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. मरीज जमीन पर लेट कर इलाज करा रहे हैं. हर जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. लोगों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. अगर मरीज इसकी शिकायत करते हैं तो उन्हें गलत सुई देकर जान से मारने की धमकी भी दी जाती है.

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बदहाल हालत में इलाज कराते मरीज

बदहाल स्थिति में PMCH
गरीबों की संजीवनी कहे जाने वाले इस अस्पताल में कोने-कोने से मरीज बेहतर इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन यहां की बदहाल हालत देख उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. यहां मौजूद मरीजों ने बताया कि इस अस्पताल में उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

मरीजों ने बताई स्थिति
मरीजों ने बताया कि कुव्यवस्था की शिकायत जब उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक से की तो उन्होंने कहा कि रोजाना हजारों मरीज पीएमसीएच में इलाज कराने आते हैं. बेड भरे रहने पर हम मरीजों को बेड नहीं दे पाते हैं. इसमें वो कुछ नहीं कर सकते हैं.

patna
जमीन पर लेटे मरीज

क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
अस्पताल के अधीक्षक अहमद अंसारी ने कहा कि पीएमसीएच सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां हर इलाके से मरीज आते हैं. लेकिन हम यहां किसी मरीज को मना नहीं करते हैं. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते हैं.

Intro:सुन लो सरकार सुबे के सबसे बडे अस्पताल है बीमार, सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की स्थिति इन दिनो खराब है, अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव, मरीज हो रहे परेशान


Body: सुबे में सरकार स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लाख दावे करती हो मगर हकीकत को आईना दिखा रहा है पीएमसीएच स्थित टाटा वार्ड का, जहां इन दिनों मरीज त्राहिमाम संदेश दे रहे हैं,जिन्हे जमीन पर लिटा कर ही उन्हें स्लाइन चढ़ाया जा रहा है, एक-दो नहीं बल्कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं 20 से अधिक मरीज जमीन पर लेटे पड़े हैं, यही नहीं मरीजों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है, कई जगह पर कूड़ा कचरा का अंबार लगा है, वही पानी पीने के लिए भी नसीब नहीं हो पा रहा है, यहां तक कि कई मरीजों ने कहा कि इसकी शिकायत करने पर उन्हें धमकी भी दिया जाता है, धमकी भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि जहर की सुई देकर जान से मार देने की बात होती है,


Conclusion:गौरतलब है कि गरीबों की संजीवनी कहे जाने वाले सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का अगर यह हाल रहा, तो मरीज कहां जाएंगे, रोजाना राज्य के कोने-कोने से हजारों मरीज पीएमसीएच आते हैं इस उम्मीद से कि उनका बेहतर इलाज हो सकेगा लेकिन पीएमसीएच पर सरकार की क्या नजरें हैं यह तस्वीर ही बयां कर रही है, हालांकि इस पूरे मामले में कोई भी अधिकारी स्पष्ट रूप में बोलते नहीं दिख रहे हैं, मोबाइल पर अधीक्षक से बात हुई तो उन्होंने साफ कहा कि रोजाना हजारों मरीज पीएमसीएच में इलाज कराने आते हैं बेड फूल रहने पर हम मरीजों को बेड नहीं दे पाते हैं पीएमसीएच के टाटा वार्ड से वाक थ्रू एवं मरीजों की बाईट बाईट:-पिडीत मरीज बाईट:-पिडीत मरीज बाईट:-पिडीत मरीज बाईट:-पिडीत मरीज नोट:-इसमे किसी कारणवश अधिकारियों की बाईट नहीं हो सकी है
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