पटनाः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आह्वान पर आज पूरे देश के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. इस दौरान पीएमसीएच के सभी ओपीडी से डॉक्टर नदारद हैं. जबकि यहां पहुंचे मरीज हाथ में पर्ची लिए डॉक्टर को दिखाने के इंतजार में घूम रहे हैं.
मरीजों का कहना है कि उन्हें मालूम नहीं था कि आज डॉक्टरों की हड़ताल है. जब वो पर्ची कटा रहे थे उस वक्त भी किसी कर्मचारी ने नहीं बताया कि आज डॉक्टर नहीं बैठेंगे. वो लोग काफी दूर से आए हैं और अब बिना दिखाए वापस लौटना पड़ रहा है. डॉक्टरों का काफी देर इंतजार किया, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं दिखाई दिए.
हड़ताल में आईएमए के साथ दूसरे संगठन भी शामिल
बता दें कि देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज और उनके परिजनों पर असर पड़ रहा है. पीएमसीएच में डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं. आईएमए का दावा है कि इस आंदोलन में आईएमए के साथ कई दूसरे संगठन भी शामिल हो रहे हैं. आईएमए ने कहा है कि सीसीआईएम की अधिसूचना और नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से सिर्फ मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा. एसोसिएशन ने अधिसूचना वापस लेने और नीति आयोग की ओर से गठित समितियों को रद्द करने की मांग की है.
ये भी पढ़ेंः बिहार समेत देशभर में IMA की हड़ताल, इमरजेंसी सेवाओं पर असर नहीं
क्यों हड़ताल पर हैं डॉक्टर्स?
दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही एक अध्यादेश जारी कर आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी देन के फैसले का विरोध किया है. संगठन ने सरकार के इस फैसले को मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करार दिया है और इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. हड़ताल पर जाने का फैसला करने वाले डॉक्टर एलोपैथी से संबद्ध हैं.
सीसीआईएम की सिफारिश पर अध्यादेश
कहा जा रहा है कि सीसीआईएम की सिफारिश पर केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद का महत्व बढ़ाने का फैसला करते हुए एक अध्यादेश जारी किया था.जिसमें आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई. सीसीआईएम ने 20 नवंबर 2020 को जारी अधिसूचना में 39 सामान्य सर्जरी प्रक्रियाओं को सूचीबद्ध किया था, जिनमें आंख, नाक, कान और गले से जुड़ी हुई 19 छोटी सर्जरी प्रक्रियाएं हैं.