मसौढ़ी (पटना): बिहार में सियासी उलटफेर के बीच एक बार फिर से महागठबंधन की सरकार (Mahagathbandhan government in Bihar) बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी प्रसाद यादव डिप्टी सीएम बने हैं. महागठबंधन सरकार में फिलहाल मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है. कयास लगाए जा रहे हैं कि 15 अगस्त के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसी बीच बिहार के कई जिलों में पसमांदा मुस्लिमों की ओर से जदयू के विधान परिषद के सदस्य गुलाम गौस को विधान परिषद के सभापति बनाने की मांग की जा रही है.
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गुलाम गौस को सभापति बनाने की मांग: जदयू कोटे से विधान परिषद के सदस्य गुलाम गौस को विधान परिषद में सभापति बनाने की मांग उठ रही है. बिहार के तमाम जिलों से लगातार चर्चा जोरों पर चल रही है. लेकिन आइए इससे पहले जानते हैं कि पसमांदा मुस्लिम क्या होता है? मुस्लिम समुदाय में समाज से कटे हुए और अति पिछड़े लोगों को पसमांदा मुस्लिम की संज्ञा दी गई है. पसमांदा एक फारसी शब्द है.
पसमांदा मुसलमानों ने की मांग: जदयू कोटे से विधान परिषद की गुलाम गौस को सभापति बनाने की मांग को लेकर लगातार पार्टी कार्यालय में आवाज उठने लगी है. वहीं, मुस्लिम इलाकों में भी यह चर्चा जोरों पर चल रही है. गुलाम गौस जेपी आंदोलन के छात्र नेता रहे हैं, एक शिक्षाविद के साथ अति पिछड़ा के उत्थान को लेकर लगातार प्रयासरत रहते हैं. वित्त रहित शिक्षा नीति पर भी कई बार उन्होंने आवाज उठाई है.
15 अगस्त के बाद होगा मंत्रिमंडल विस्तार: पसमंदा मुसलमानों को लेकर इन दिनों चर्चाएं जोरों पर हैं. मसौढ़ी में मुस्लिम कौम से जुड़े लोगों ने कहा है कि जो पसमांदा मुस्लिम की बात करेगा, वहीं मुसलमानों पर राज करेगा, जो इसे दरकिनार करेगा, मुस्लिम कौम भी उसे दरकिनार करेगा. अब लगातार चर्चा जोरों पर हैं और गुलाम गौस को विधान परिषद का सभापति बनाने की मांग चर्चा जोरों पर चल रही है.
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