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'चिराग को पंडित ने कहा था, NDA छोड़ो.. CM बन जाओगे', चाचा पशुपति पारस ने खोला राज - केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस

Bihar Politics चिराग पासवान सीएम बनने के लिए अकेले चुनाव लड़े थे. किसी पंडित ने भविष्यवानी की थी, NDA छोड़ दो और अकेले चुनाव लड़ो, CM बन जाओगे. इसलिए चुनावी मैदान में कूद गए. लेकिन परिणाम आपके सामने है. उक्त बातें केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कही थी. चिराग को निशाना बनाते हुए कहा कि दल टूटने पर जुड़ जाएगा पर दिल कभी नहीं जुटेगा.

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Published : Jan 10, 2023, 8:05 PM IST

पटना: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Union Minister Pashupati Paras) ने लोजपा रामविलास पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान का राज खोल दिया. उन्होंने कहा है कि चिराग पासवान ने सीएम बनने के लिए NDA का साथ छोड़ा. किसी पंडित की भविष्यवानी बात को सच मानकर 2019 के बिहार विधानसभा चुनाव में कूदे थे. उन्हें लगा कि वो लड़ेंगे तो 'पोथी-पत्रा' की भविष्यवाणी के मुताबिक सीएम बन जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने सोमवार को कहा कि दल टूटता है तो जुड़ जाता है लेकिन दिल टूटता है तो कभी नहीं जुड़ पाता है. इससे साफ है कि पशुपति पारस और चिराग कभी एक नहीं हो सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः उपेंद्र कुशवाहा के उपमुख्यमंत्री बनने वाले सवाल पर, जानें क्या बोलें RJD के मंत्री?

''उसको किसी पंडित ने कह दिया कि बिहार का मुख्यमंत्री बन जाओगे अकेले रहोगे तो. हम देखें हैं पतरा. कैसे मुख्यमंत्री बन जाएगा भाई, प्रजातंत्र है इसमें प्रजा का राज होता है. जिसके पास में अधिक सांसद होंगे वह प्रधानमंत्री होंगे, जिसके पास अधिक विधायक होंगे वह मुख्यमंत्री होगा. लेकिन उसके कहने पर वह छोड़ दिए" - पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री

चिराग सीएम बनने के लिए अलग हुएः सोमवार को प्रेसवार्ता में चिराग पासवान पर निशाना साधा था. पशुपति पारस ने कहा कि वो चाहते थे कि एनडीए के साथ चुनाव लड़ें, लेकिन चिराग इसी वजह से अलग ही लड़ने के लिए मैदान में उतर गए. उसे किसी पंडित ने बहका दिया था. कहा था कि अकेले चुनाव लड़ोगे तो सीएम बन जाओगे. मैने काफी कोशिश की लेकिन वे नहीं रूके. और अकेले चुनाव लड़े. परिणाम आपके सामने हैं.

भविष्यवाणी से कोई सीएम नहीं बनताः केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) को नसीहत भी दी. कहा कि ये लोकतंत्र है. यहां कोई पंडित की भविष्यवाणी से पीएम या सीएम नहीं बनता है. जनता जिसको चुनती है वहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनता है. लेकिन तब चिराग ने मेरी कही उस बात को नहीं सुना था. बता दें कि इसी मुद्दे को लेकर एलजेपी दो फाड़ हो गई थी. लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस एलजेपी के अध्यक्ष बन गए और मामला चुनाव आयोग पहुंच गया. जहां से दोनों को पार्टी का अलग नाम और निशान मिला. इसलिए पशुपति पारस ने कहा कि उनका दिल टूट गया है.

पटना: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Union Minister Pashupati Paras) ने लोजपा रामविलास पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान का राज खोल दिया. उन्होंने कहा है कि चिराग पासवान ने सीएम बनने के लिए NDA का साथ छोड़ा. किसी पंडित की भविष्यवानी बात को सच मानकर 2019 के बिहार विधानसभा चुनाव में कूदे थे. उन्हें लगा कि वो लड़ेंगे तो 'पोथी-पत्रा' की भविष्यवाणी के मुताबिक सीएम बन जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने सोमवार को कहा कि दल टूटता है तो जुड़ जाता है लेकिन दिल टूटता है तो कभी नहीं जुड़ पाता है. इससे साफ है कि पशुपति पारस और चिराग कभी एक नहीं हो सकते हैं.

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''उसको किसी पंडित ने कह दिया कि बिहार का मुख्यमंत्री बन जाओगे अकेले रहोगे तो. हम देखें हैं पतरा. कैसे मुख्यमंत्री बन जाएगा भाई, प्रजातंत्र है इसमें प्रजा का राज होता है. जिसके पास में अधिक सांसद होंगे वह प्रधानमंत्री होंगे, जिसके पास अधिक विधायक होंगे वह मुख्यमंत्री होगा. लेकिन उसके कहने पर वह छोड़ दिए" - पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री

चिराग सीएम बनने के लिए अलग हुएः सोमवार को प्रेसवार्ता में चिराग पासवान पर निशाना साधा था. पशुपति पारस ने कहा कि वो चाहते थे कि एनडीए के साथ चुनाव लड़ें, लेकिन चिराग इसी वजह से अलग ही लड़ने के लिए मैदान में उतर गए. उसे किसी पंडित ने बहका दिया था. कहा था कि अकेले चुनाव लड़ोगे तो सीएम बन जाओगे. मैने काफी कोशिश की लेकिन वे नहीं रूके. और अकेले चुनाव लड़े. परिणाम आपके सामने हैं.

भविष्यवाणी से कोई सीएम नहीं बनताः केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) को नसीहत भी दी. कहा कि ये लोकतंत्र है. यहां कोई पंडित की भविष्यवाणी से पीएम या सीएम नहीं बनता है. जनता जिसको चुनती है वहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनता है. लेकिन तब चिराग ने मेरी कही उस बात को नहीं सुना था. बता दें कि इसी मुद्दे को लेकर एलजेपी दो फाड़ हो गई थी. लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस एलजेपी के अध्यक्ष बन गए और मामला चुनाव आयोग पहुंच गया. जहां से दोनों को पार्टी का अलग नाम और निशान मिला. इसलिए पशुपति पारस ने कहा कि उनका दिल टूट गया है.

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