पटनाः राजद और जदयू ने 15 साल बनाम 15 साल के मुद्दे को लेकर चुनाव मैं जनता के बीच जाने का निर्णय लिया है. विधान सभा चुनाव के मद्देनजर दोनों मुख्य पार्टियां एक-दूसरे की खामियों को निकालने में जुट गए हैं. जहां जदयू, राजद के 15 साल में बिहार को बर्बाद करने का रोना रोता आया है तो वहीं आरजेडी का कहना है कि 15 साल के नीतीश राज में कुछ काम नहीं हुआ.
राजद ने नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश राज में मां और बहनें खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं. राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले 15 साल में भ्रष्टाचार, लूट, अनाचार और दुराचार बढ़ा है.
'ये पब्लिक है सब जानती है'
भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार बेरोजगारों की बेरोजगारी दूर नहीं कर पाई है. किसानों के खेतों को पानी नहीं पहुंचा पाई है. बिहार में पिछले 15 सालों में हत्याएं लूट की घटनाएं बढ़ोतरी हो रही है और सरकार मूकदर्शक बनकर बैठी है. ये पब्लिक है सब जानती है, नीतीश कुमार का राज्य शराब माफियाओं से मिलकर चल रहा है.
'जनता बताएगी कितना हुआ है काम'
वहीं, जदयू का कहना है कि बिहार में कितना बदलाव हुआ है, यह लोगों से पूछने की जरूरत है. आज बिहार में 99% इलाकों को सड़कों से जोड़ दिया गया है, बिहार में 100 फीसदी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है. लालू के राज्य में महज 700 मेगावाट बिजली खर्च होती थी. आज बिहार में 5800 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. लालू-राबड़ी शासनकाल के आखिरी वर्ष में बजट 23,800 करोड़ का था और आज के समय में बजट 2,11,000 हजार करोड़ पहुंच गया है.
'बिहार में लिखी जा रही विकास की नई गाथा'
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि बिहार में विकास की नई गाथा लिखी जा रही है. महिला सशक्तिकरण की बात हो या समाज के कमजोर तबकों के विकास की बात हो, सबका विकास हो रहा है. बिहार में शराबबंदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्णय लिया है कि बिहार के हर खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा. यह बिहार के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगा. बिहार की जनता 2005 के मॉडल और 2020 के मॉडल को खुद महसूस कर रही है.
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'रंगदारी की वजह से नहीं होता था विकास कार्य'
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह ने आरजेडी शासनकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू के राज्य में लालू की बेटी की शादी हुआ करती थी तो शोरूम से गाड़ी उठा ली जाती थी. लालू के राज्य में बिहार के डॉक्टर व्यवसाई यहां तक कि मजदूर भी पलायन कर गए थे.
रामसागर सिंह ने 2005 और आज की तुलना करते हुए बताया कि उस समय अपराधियों की वजह से सड़कें और कंस्ट्रक्शन का काम रंगदारी की वजह से नहीं हुआ करता था. आज बिहार में चारों तरफ विकास ही विकास नजर आ रहा है.
इस चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता विपक्ष
कुल मिलाकर बात करें तो भाजपा और जदयू विकास के मुद्दे को लेकर विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जाएगी. वहीं आरजेडी सत्ताधारी दल को नाकाम साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. विपक्षी पार्टियों ने बिहार में अपराध, शिक्षा, और बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाया है.