पटना: बिहार सरकार ने फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत शुक्रवार को एडवाइजरी जारी कर राज्य में 30 अगस्त से पान मसाले पर पूरी तरह से प्रतिबंधित लगा दिया है. इसके तहत अब राज्य में पान मसालों का निर्माण और उसकी बिक्री नहीं की जा सकेगी. बावजूद इसके शहर के कई प्रमुख चौक-चौराहों पर पान मसाले के बड़े-बड़े होर्डिंग देखे जा रहे हैं.
पान मसालों में मैग्नीशियम कार्बोनेट
दरअसल, बिहार सरकार ने पान मसालों के नमूने एकत्रित कर जांच के लिए भेजा था, जिसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया. जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है. यह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेगुलेशन एक्ट 2011 का उल्लंघन है. जिसके बाद सरकार ने पान मसालों को बंद करने का निर्णय लिया. इस नियम का उल्लंघन करने वाले को अधिकतम 7 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है.
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सरकार की निष्ठा पर गंभीर प्रश्न
राज्य में पान मसालों पर प्रतिबंधित के बावजूद शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर इसके बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं. एक ओर सरकार अखबारों में विज्ञापन के जरिए पान मसाले का सेवन करने वाले को चेतावनी दे रही है. तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन के तरफ अभी तक शहर में लगे बड़े-बड़े होर्डिंगों को नहीं हटाया गया है. इस कारण अब सरकार की निष्ठा पर सवाल उठने लगे हैं कि पान मसालों पर प्रतिबंध को लेकर उसकी मंशा क्या है? पान मसाला बंद तो हो गया लेकिन पान मसालों के होर्डिंग अभी भी लोगों को पान मसालों का सेवन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.