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स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव को लेकर कार्यशाला का आयोजन, आधारभूत संरचना बढ़ाने पर जोर - बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचना को बढ़ाए बिना स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव नहीं लाया जा सकता है. इसके लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हो.

कार्यशाला
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Published : Aug 30, 2019, 4:25 PM IST

पटना: बिहार में बदलते समय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी बदलाव हो रहा है. इसी बदलाव को लेकर राजधानी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पाल, डॉ. सुभाष शर्मा विकास आयुक्त और राष्ट्रीय निदेशक हरि मीनिंग ने किया.

स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव को लेकर कार्यशाला आयोजित

स्वास्थ्य बजट में आर्थिक कमी
निति आयोग के सदस्य डॅा. विनोद पाल ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में सकारात्मक बदलाव बेहद जरूरी है. बिहार में आधारभूत संरचना बढ़ाए बिना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं लाया जा सकता है. बिहार के तमाम बड़े अस्पताल में डॉक्टरों और दवाओं की कमी है. लगातार हर साल स्वास्थ्य बजट में जीडीपी और कई आर्थिक कमी आ रही है. जिसको लेकर सरकार चिंतित है.

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निति आयोग के सदस्य, डॉ. विनोद पाल

विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि यह बात सही है कि आधारभूत संरचना को बढ़ाए बिना स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव नहीं लाया जा सकता है. इसके लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हो. बिहार के कई बड़े अस्पतालों में अब 230 दवाओं की उपलब्धता हो गई है. साथ ही कई मेडिकल उपकरण भी मंगाए गए हैं. बिहार में 25 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और जीएनएम, एएनएम नर्सिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पीएमसीएच का सितंबर महीने में टेंडर पास किया जाएगा. उसके बाद अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. यह विश्व स्तर का सबसे बड़ा अस्पताल होगा. वहीं आईजीआईएमएस के बारे में उन्होंने कहा कि, अब यहां किडनी ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा और अब लोगों को इलाज कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

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कार्यक्रम का उद्घाटन

सरकार कर रही व्यवस्था को सुचारू
बीते कुछ वर्षों में राज्य की शिशु मृत्यु दर, कालाजार कुपोषण और लैंगिक असमानता में अत्यधिक कमी दर्ज हुई है. साथ ही टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और दवाओं की उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई है. बिहार सरकार वर्ष 2006 से ही व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने में लगी हुई है. ताकि गांव से लेकर शहर तक के लोग को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके.

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स्वास्थ्य मंत्री, मंगल पांडे

पटना: बिहार में बदलते समय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी बदलाव हो रहा है. इसी बदलाव को लेकर राजधानी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पाल, डॉ. सुभाष शर्मा विकास आयुक्त और राष्ट्रीय निदेशक हरि मीनिंग ने किया.

स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव को लेकर कार्यशाला आयोजित

स्वास्थ्य बजट में आर्थिक कमी
निति आयोग के सदस्य डॅा. विनोद पाल ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में सकारात्मक बदलाव बेहद जरूरी है. बिहार में आधारभूत संरचना बढ़ाए बिना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं लाया जा सकता है. बिहार के तमाम बड़े अस्पताल में डॉक्टरों और दवाओं की कमी है. लगातार हर साल स्वास्थ्य बजट में जीडीपी और कई आर्थिक कमी आ रही है. जिसको लेकर सरकार चिंतित है.

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निति आयोग के सदस्य, डॉ. विनोद पाल

विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि यह बात सही है कि आधारभूत संरचना को बढ़ाए बिना स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव नहीं लाया जा सकता है. इसके लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हो. बिहार के कई बड़े अस्पतालों में अब 230 दवाओं की उपलब्धता हो गई है. साथ ही कई मेडिकल उपकरण भी मंगाए गए हैं. बिहार में 25 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और जीएनएम, एएनएम नर्सिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पीएमसीएच का सितंबर महीने में टेंडर पास किया जाएगा. उसके बाद अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. यह विश्व स्तर का सबसे बड़ा अस्पताल होगा. वहीं आईजीआईएमएस के बारे में उन्होंने कहा कि, अब यहां किडनी ट्रांसप्लांट भी किया जाएगा और अब लोगों को इलाज कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

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कार्यक्रम का उद्घाटन

सरकार कर रही व्यवस्था को सुचारू
बीते कुछ वर्षों में राज्य की शिशु मृत्यु दर, कालाजार कुपोषण और लैंगिक असमानता में अत्यधिक कमी दर्ज हुई है. साथ ही टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और दवाओं की उपलब्धता में बढ़ोतरी हुई है. बिहार सरकार वर्ष 2006 से ही व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने में लगी हुई है. ताकि गांव से लेकर शहर तक के लोग को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके.

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स्वास्थ्य मंत्री, मंगल पांडे
Intro:स्वास्थ्य सेवा में सुधार हेतु आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना जरूरी है और यह स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती हैं जिसके लिए स्वास्थ्य महकमा दृढ़ संकल्प है मौका था आज राजधानी पटना के मौर्या होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में आए सकारात्मक बदलाव पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन



विश्व स्तर के अस्पताल पीएमसीएच को बनाने के लिए सितंबर मे होगा टेंडर


Body:बिहार में बदलते वक्त के अनुसार स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव हो रहा है और इसी बदलाव को लेकर आज राजधानी पटना में स्वास्थ्य में सुधार एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में आए सकारात्मक बदलाव की कहानी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल हुए, कार्यक्रम का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पाल, डॉ सुभाष शर्मा विकास आयुक्त एवं राष्ट्रीय निदेशक हरि मीनिंग वहीं बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के राष्ट्रीय निदेशक,
प्रधान सचिव, कार्यपालक निदेशक समेत कई अधिकारी कार्यक्रम में शिरकत किए



निती आयोग के सदस्य Dr विनोद पाल ने संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं कि बजट में सकारात्मक बदलाव बेहद जरूरी है और बिहार में आधारभूत संरचना बढ़ाएं बिना स्वास्थ्य सेवा में सुधार नहीं लाया जा सकता है, बिहार के तमाम बड़े अस्पताल गांव से लेकर शहर तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी, दवाओं की कमी, यह हमारे लिए चुनौती हैं और जब तक आधारभूत संरचनाओं में बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, स्वास्थ्य सेवा में बदलाव नहीं हो सकता है, प्रत्येक साल स्वास्थ्य मिशन बजट पर जीडीपी एवं कई आर्थिक कमी आ रही है जिसको लेकर सरकार की चिंता इस और बढ़ी हुई है


स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि यह बात सही है कि बिना आधारभूत संरक्षा को बढ़ाएं हुए स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव नहीं लाया जा सकता है, इसके लिए बिहार सरकार कृतसंकल्प है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि हो इसके लिए आधारभूत संरचनाओं में भी बढ़ावा दिया जा रहा है, बिहार के तमाम बड़े अस्पतालों में अब 230 दवाओं की उपलब्धता हो गई है और इस तकनीक के युग में तमाम मेडिकल उपकरण भी मंगाए गए हैं, बेशक बिहार में डॉक्टरों की कमी है इसको लेकर के बिहार सरकार चिंतित है और लगातार प्रयास कर रही है कि गांव से लेकर शहर तक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके मंगल पांडे ने कहा कि बिहार में कई कॉलेज खुल रहे हैं तकरीबन 14 नए कॉलेज खुल रहे हैं और 7 प्राइवेट कॉलेज भी कुल मिलाकर 25 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बिहार में होने जा रहे हैं जीएनएम एएनएम नर्सिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं वहीं पारा मेडिकल स्टाफ की कमी भी बिहार में है जिसको लेकर बहाली होने जा रही है स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि सुबह के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का सितंबर माह में टेंडर किया जा रहा है निविदा होते ही सुपरस्पेशलिटी अस्पताल बनाने का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, यह विश्व स्तर का सबसे बड़ा अस्पताल होगा वही आईजीआईएमएस के बारे में उन्होंने कहा कि एक समय था कि बिहार में कोई भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए लोग दिल्ली बेंगलुरु वेल्लोर चेन्नई जाते थे लेकिन अब यार वासी बिहार में ही अपना इलाज करा रहे हैं आईजीआईएमएस में किडनी ट्रांसप्लांट जैसे गंभीर रोगों का इलाज हो रहा है


Conclusion:विगत कुछ वर्षों में राज्य की नवजात एवं शिशु मृत्यु दर मात्री मृत्यु दर कालाजार कुपोषण एवं लैंगिक असमानता में महत्वपूर्ण कमी दर्ज हुई है, साथ ही टीकाकरण आच्छादन संस्थागत प्रसव एवं अनिवार्य दवाओं की उपलब्धता में वृद्धि के अलावा सरकारी अस्पतालों में उपलब्धता माता एवं नवजात की देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार आया है इस आयोजन में नीति निर्माताओं एवं विशेषज्ञों को अभी तक के स्वास्थ्य यात्रा पर चर्चा करने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर बेहतर सेवाएं बहाल करने एवं स्वास्थ्य से जुड़े सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किए जा रहे हैं और इस सतत विकास लक्ष्य को 2:30 तक प्राप्त करने की देश की प्रतिबद्धता में बिहार भी माकूल हिस्सेदारी के लिए तैयार है वर्ष 2006 से ही बिहार सरकार व्यवस्था को पुनर्स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित कर रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सभी के पास हो गांव से लेकर शहर तक सभी को स्वास्थ्य सेवा मिल सके


बाईट:-डॉ विनोद पाल,सदस्य निति आयोग
बाईट- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
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