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'गंगा किनारे के 13 जिलों में बना जैविक कॉरिडोर, 21.6 हजार किसान हुए लाभान्वित' - जैविक खेती के लाभ

बिहार के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर बनाये गए हैं. इस योजना में किसानों को जैविक खेती के लिए कृषि इनपुट अनुदान और निःशुल्क प्रमाणीकरण की सुविधा दी जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की है.

Chief Minister Nitish Kumar
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Jun 12, 2021, 10:37 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर (Organic Corridor) बनाए जाने की घोषणा की है. शनिवार को नीतीश कुमार ने इस संबंध में ट्वीट किया. अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा "बिहार में गंगा नदी के दोनों किनारे के पास के 13 जिलों को मिलाकर जैविक कॉरिडोर बनाया गया है."

यह भी पढ़ें- सहरसा के किसान बदल रहे अपनी तकदीर, गूगल के सहारे जैविक खेती से बनाई पहचान

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, "इस योजना में किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) के लिए कृषि इनपुट अनुदान और निःशुल्क प्रमाणीकरण की सुविधा दी जा रही है. अब तक 188 कृषक उत्पादक संगठनों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिसमें 21,608 किसान शामिल हैं. जैविक खेती की इस योजना के कार्यान्वयन से रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) का प्रयोग कम होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के साथ-साथ गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयासों को पूरा करने में सहायता मिलेगी."

  • बिहार में गंगा नदी के दोनों किनारे के पास के 13 जिलों को मिलाकर जैविक काॅरिडोर बनाया गया है। इस योजना में किसानों को जैविक खेती के लिए कृषि इनपुट अनुदान तथा निःशुल्क प्रमाणीकरण की सुविधा दी जा रही है। अब तक 188 कृषक उत्पादक संगठनों को इस योजना में शामिल किया गया है, (1/2)

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) June 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • (2/2) जिसमें 21,608 किसान शामिल हैं। जैविक खेती की इस योजना के कार्यान्वयन के फलस्वरूप रासायनिक उवर्रकों का प्रयोग कम होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयासों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

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155 करोड़ रुपये हुए थे स्वीकृत
13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित करने के लिए बिहार सरकार ने 155 करोड़ रुपए स्वीकृत किया था. मार्च 2020 में तात्कालिक कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा में यह जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि बक्सर से भागलपुर तक गंगा किनारे के जिलों को इस कॉरिडोर में शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा देने की सरकार की मंशा के बारे में भी बताया था.

जैविक खेती से होगा पर्यावरण संरक्षण
गौरतलब है कि जैविक खेती किसानों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी हितकारी है. इससे किसानों का खेती में होने वाला खर्च घटेगा. सरकार द्वारा प्रमाणीकरण से किसानों को अपने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की अच्छी कीमत मिलेगी. गंगा किनारे के जिलों में जैविक खेती होने पर खेतों में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम होगा. बारिश के पानी के साथ बहकर उर्वरक गंगा में चले आते हैं, जिससे गंगा नदी की पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) पर असर पड़ता है. जैविक खेती से गंगा का पानी दूषित होने से बचेगा.

बढ़ सकता है एसडीजी इंडिया इंडेक्स में अंक
नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी (Sustainable Development Goals) इंडिया इंडेक्स में बिहार सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य है. जानकारों के अनुसार जैविक खेती को बढ़ावा देने से बिहार के अंक इस इंडेक्स में बढ़ सकते हैं. इंडेक्स में जलवायु बचाव के लिए काम, पानी के नीचे जीवन और जमीन पर जीवन जैसे क्षेत्र में किए गए काम के आधार पर भी अंक दिए जाते हैं.

यह भी पढ़ें- नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स में लगातार दूसरे साल सबसे नीचे रहा बिहार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के 13 जिलों में जैविक कॉरिडोर (Organic Corridor) बनाए जाने की घोषणा की है. शनिवार को नीतीश कुमार ने इस संबंध में ट्वीट किया. अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा "बिहार में गंगा नदी के दोनों किनारे के पास के 13 जिलों को मिलाकर जैविक कॉरिडोर बनाया गया है."

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मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, "इस योजना में किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) के लिए कृषि इनपुट अनुदान और निःशुल्क प्रमाणीकरण की सुविधा दी जा रही है. अब तक 188 कृषक उत्पादक संगठनों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिसमें 21,608 किसान शामिल हैं. जैविक खेती की इस योजना के कार्यान्वयन से रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) का प्रयोग कम होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के साथ-साथ गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयासों को पूरा करने में सहायता मिलेगी."

  • बिहार में गंगा नदी के दोनों किनारे के पास के 13 जिलों को मिलाकर जैविक काॅरिडोर बनाया गया है। इस योजना में किसानों को जैविक खेती के लिए कृषि इनपुट अनुदान तथा निःशुल्क प्रमाणीकरण की सुविधा दी जा रही है। अब तक 188 कृषक उत्पादक संगठनों को इस योजना में शामिल किया गया है, (1/2)

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  • (2/2) जिसमें 21,608 किसान शामिल हैं। जैविक खेती की इस योजना के कार्यान्वयन के फलस्वरूप रासायनिक उवर्रकों का प्रयोग कम होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गंगा को स्वच्छ रखने के प्रयासों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

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155 करोड़ रुपये हुए थे स्वीकृत
13 जिलों में जैविक कॉरिडोर विकसित करने के लिए बिहार सरकार ने 155 करोड़ रुपए स्वीकृत किया था. मार्च 2020 में तात्कालिक कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा में यह जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि बक्सर से भागलपुर तक गंगा किनारे के जिलों को इस कॉरिडोर में शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा देने की सरकार की मंशा के बारे में भी बताया था.

जैविक खेती से होगा पर्यावरण संरक्षण
गौरतलब है कि जैविक खेती किसानों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी हितकारी है. इससे किसानों का खेती में होने वाला खर्च घटेगा. सरकार द्वारा प्रमाणीकरण से किसानों को अपने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की अच्छी कीमत मिलेगी. गंगा किनारे के जिलों में जैविक खेती होने पर खेतों में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम होगा. बारिश के पानी के साथ बहकर उर्वरक गंगा में चले आते हैं, जिससे गंगा नदी की पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) पर असर पड़ता है. जैविक खेती से गंगा का पानी दूषित होने से बचेगा.

बढ़ सकता है एसडीजी इंडिया इंडेक्स में अंक
नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी (Sustainable Development Goals) इंडिया इंडेक्स में बिहार सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य है. जानकारों के अनुसार जैविक खेती को बढ़ावा देने से बिहार के अंक इस इंडेक्स में बढ़ सकते हैं. इंडेक्स में जलवायु बचाव के लिए काम, पानी के नीचे जीवन और जमीन पर जीवन जैसे क्षेत्र में किए गए काम के आधार पर भी अंक दिए जाते हैं.

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