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जहरीली शराब से हुई मौतों पर चुप क्यों हैं मुख्यमंत्री, विपक्ष पूछ रहा सवाल

बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि पूरे मामले की लीपापोती हो रही है. इतने गंभीर मामले पर भी मुख्यमंत्री अब तक चुप हैं, इससे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.

पटना
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Published : Apr 2, 2021, 2:56 PM IST

पटना: बिहार में होली के दौरान जहरीली शराब से कथित तौर पर 14 लोगों की मौत की खबर आ रही है. हालांकि, अब तक संबंधित जिला प्रशासन की ओर से जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. इसे लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि पूरे मामले की लीपापोती हो रही है. इतने गंभीर मामले पर भी मुख्यमंत्री अब तक चुप हैं. इससे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में जहरीली शराब से मौत पर विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा, अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग

'बिहार में शराबबंदी तो पहले से ही पूरी तरह विफल है. सरकार के तमाम दावे फेल हो चुके हैं, लेकिन बिहार में जहरीली शराब कहां से आ रही है. इतने लोगों की मौत हो चुकी है और जिला प्रशासन लीपापोती पर तुला है. बिना पोस्टमार्टम किए यह दावा किया जा रहा है कि पेट दर्द और अन्य वजहों से मौत हुई है. जाहिर तौर पर मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री आखिर चुप क्यों हैं. उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए और उच्चस्तरीय जांच करा कर दोषियों को फांसी की सजा देनी चाहिए.'- राजेश राठौड़, कांग्रेस नेता

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शराबबंदी से हुई मौतों पर सवाल
वहीं, शराबबंदी से हुई मौतों के लेकर राजद ने भी सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं. राजद नेता ने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है. सरकार को तुरंत पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत, लोजपा ने साधा नीतीश पर निशाना

'मामला इतना गंभीर है कई लोगों की जान जा चुकी है. आने वाले समय में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. लेकिन पूरे मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. राजद नेता ने कहा कि सरकार को और डीजीपी को भी जवाब देना चाहिए कि बिहार में शराब कहां से आई. जहरीली शराब आखिर लोगों तक कैसे पहुंची. इस मामले में मुख्यमंत्री की चुप्पी से भी सवाल खड़े हो रहे हैं.'- अनवर हुसैन प्रवक्ता, राजद नेता

ये भी पढ़ें- '...तो एक ही समय एक ही परिवार के दो लोग पेट दर्द से मर गए? वाह! नीतीश जी'
बता दें कि इसके पहले पिछले कुछ सालों के आंकड़े पर गौर करें तो कैमूर, गोपालगंज, रोहतास, मुंगेर और अब नवादा में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है. शराबबंदी बिहार में लागू हुए 5 साल हो चुके हैं और फिर भी जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला जारी है और यही वजह है कि विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है कि आखिर बिहार में शराबबंदी की हकीकत क्या है.

पटना: बिहार में होली के दौरान जहरीली शराब से कथित तौर पर 14 लोगों की मौत की खबर आ रही है. हालांकि, अब तक संबंधित जिला प्रशासन की ओर से जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. इसे लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि पूरे मामले की लीपापोती हो रही है. इतने गंभीर मामले पर भी मुख्यमंत्री अब तक चुप हैं. इससे बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.

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'बिहार में शराबबंदी तो पहले से ही पूरी तरह विफल है. सरकार के तमाम दावे फेल हो चुके हैं, लेकिन बिहार में जहरीली शराब कहां से आ रही है. इतने लोगों की मौत हो चुकी है और जिला प्रशासन लीपापोती पर तुला है. बिना पोस्टमार्टम किए यह दावा किया जा रहा है कि पेट दर्द और अन्य वजहों से मौत हुई है. जाहिर तौर पर मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री आखिर चुप क्यों हैं. उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए और उच्चस्तरीय जांच करा कर दोषियों को फांसी की सजा देनी चाहिए.'- राजेश राठौड़, कांग्रेस नेता

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शराबबंदी से हुई मौतों पर सवाल
वहीं, शराबबंदी से हुई मौतों के लेकर राजद ने भी सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं. राजद नेता ने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है. सरकार को तुरंत पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

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'मामला इतना गंभीर है कई लोगों की जान जा चुकी है. आने वाले समय में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. लेकिन पूरे मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. राजद नेता ने कहा कि सरकार को और डीजीपी को भी जवाब देना चाहिए कि बिहार में शराब कहां से आई. जहरीली शराब आखिर लोगों तक कैसे पहुंची. इस मामले में मुख्यमंत्री की चुप्पी से भी सवाल खड़े हो रहे हैं.'- अनवर हुसैन प्रवक्ता, राजद नेता

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बता दें कि इसके पहले पिछले कुछ सालों के आंकड़े पर गौर करें तो कैमूर, गोपालगंज, रोहतास, मुंगेर और अब नवादा में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है. शराबबंदी बिहार में लागू हुए 5 साल हो चुके हैं और फिर भी जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला जारी है और यही वजह है कि विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है कि आखिर बिहार में शराबबंदी की हकीकत क्या है.

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