पटनाः हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ का प्रकोप पूरे उत्तर बिहार में शुरू हो चुका है. इसके साथ ही बाढ़ पर राजनीति भी शुरू हो गई है. मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हर साल हवाई सर्वे करते हैं. लेकिन नतीजा सिफर रहता है.
नीतीश कुमार पर विपक्ष हमलावर
पूरे उत्तर बिहार में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. लोगों ने बर्बादी और मौत के डर से पलायन करना भी शुरू कर दिया है. वहीं, इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान बाढ़ को लेकर कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि सीएम सिर्फ हवाई सर्वे करने में विश्वास रखते हैं. चाहे बाढ़ हो या सुखाड़ या फिर चमकी बुखार. हर मामले में सरकार नाकाम साबित हुई है.
-
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण
— Etv Bihar (@etvbharatbihar) July 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
https://t.co/Sr5k98cOav@NitishKumar #Flood #FloodInBihar #Patna #Bihar
">मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण
— Etv Bihar (@etvbharatbihar) July 15, 2019
https://t.co/Sr5k98cOav@NitishKumar #Flood #FloodInBihar #Patna #Biharमुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण
— Etv Bihar (@etvbharatbihar) July 15, 2019
https://t.co/Sr5k98cOav@NitishKumar #Flood #FloodInBihar #Patna #Bihar
कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार में कमोबेश हर वर्ष बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. इससे सीमांचल और मिथिलांचल के तमाम जिले प्रभावित होते हैं. हजारों परिवार बेघर हो जाते हैं और सैकड़ों लोग मौत की चपेट में आ जाते हैं. लेकिन सरकार इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती दिखती. मालूम हो कि बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, अररिया, सुपौल, किशनगंज और शिवहर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. नेपाल में हो रही भारी बारिश और बांध से छोड़े गए पानी से उत्तर बिहार में लगातार बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है. नेपाल से छोड़े गए पानी से कोसी, गंडक और बागमती नदी में पानी का स्तर काफी बढ़ गया.