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'बिहार नहीं लौटना चाहते हैं IAS अधिकारी, पार्टी हित में काम करवाते हैं CM नीतीश'

अफसरों के दम पर नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की नई गाथा लिखी है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बिहार के कई काबिल और ईमानदार छवि के अधिकारी आखिर क्यों बिहार से मुंह फेर लिए हैं, इसपर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के साथ अच्छे अधिकारी अब काम नहीं करना चाहते. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Feb 5, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 10:59 PM IST

पटना: 2005 से नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार चल रही है. जबसे नीतीश कुमार बिहार की कमान संभाली है, तब से किचन कैबिनेट में उनके पसंदीदा अफसरों की लंबी फेहरिस्त रही है. पूरा देश जानता है कि नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी के खासे पसंदीदा नेताओं में से एक है. अफसरों के दम पर नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की नई गाथा लिखी है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बिहार के कई काबिल और ईमानदार छवि के अधिकारी आखिर क्यों बिहार से मुंह फेर लिए हैं? यह सवाल गाहे-बगाहे सत्ता के गलियारे में चर्चा में होती है.

ईटीवी भारत(GFX)
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लॉकडाउन के दौरान आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह ने तो सार्वजनिक तौर पर बिहार के अफसरों के बारे में खुलकर कहा था. अमानुल्लाह बिहार में गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह कई मुख्यमंत्री के खास रह चुके हैं. उन्होंने तो यहां तक का डाला कि बिहार की ब्यूरोक्रेसी काफी काबिल है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह अच्छा परफॉर्मेंस नहीं कर पा रहे हैं.

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ये भी पढ़ें: भारत रत्न के लायक नहीं सचिन तेंदुलकर, हुआ सम्मान का अपमान: शिवानंद

'जो अफसर नीतीश कुमार की चापलूसी करते हैं. उन्हें अच्छा ओहदा दिया जाता रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वर्तमान में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी हैं. आखिर क्या कारण है कि, जो अफसर बिहार से बाहर चले जा रहे हैं. वह वापस नहीं आना चाहते है? वह अधिकारियों से पार्टी हित में काम करवाते हैं. जिसमें कई ईमानदार छवि के अधिकारी फिट नहीं बैठते. आज भी जो ईमानदार अधिकारी अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं. अगर वह बिहार वापस लौटेंगे तो उन्हें अपमानित किया जाएगा': प्रेम कुमार मणि, राजनीतिक चिंतक

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पढ़ें: शिक्षा विभाग का नया कारनामा, परीक्षार्थी का बदल दिया जेंडर

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के साथ अच्छे अधिकारी अब काम नहीं करना चाहते. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं और यह तमाम आरोप बेबुनियाद है. आज भी बिहार में अच्छे अधिकारी बेहतरीन ढंग से काम कर रहे हैं और बिहार विकास के रास्ते पर है.

राज्य में आईएएस अफसरों के लिए कुल स्वीकृत पद 410 है. वर्तमान में कुल 308 आईएएस अफसर राज्य में कार्यरत हैं. बिहार कैडर के 32 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. बिहार कैरियर के 10 अधिकारी अन्य राज्यों में नियुक्त हैं.

देखें रिपोर्ट...

पढ़ें: पश्चिम बंगाल में है नीतीश के काम की चर्चा, हिंसक राजनीति से लोग चाहते हैं मुक्ति: गुलाम रसूल

बिहार के अधिकारी सुधीर कुमार राकेश ने वीआरएस लिया था. केंद्रीय प्रतिनुक्ति पर गए ये. अफसर रिटायर्ड होने तक बिहार नहीं लौटे. अफजल अमामनुल्ला-2013 ( सेवानिवृत) गिरीश शंकर-2014( सेवानिवृत) सीके मिश्रा-2013 (सेवानिवृत). ये अफसर अभी कार्यरत है, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है. अमरजीत सिन्हा - 2014 रविकांत - 2012 राजेश भूषण - 2012 सुनील वर्थवाल - 2014 सरवानन एम - 2014 बी प्रधान - 2015 रजीत पुनहानी - 2014 हुकुम सिंह मीणा - 2015 संदीप पॉन्ड्रिक - 2014 डी एस गंगवार - 2017 अतीश चंद्रा - 2018 केके पाठक-2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार से चले गए हैं.

पटना: 2005 से नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार चल रही है. जबसे नीतीश कुमार बिहार की कमान संभाली है, तब से किचन कैबिनेट में उनके पसंदीदा अफसरों की लंबी फेहरिस्त रही है. पूरा देश जानता है कि नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी के खासे पसंदीदा नेताओं में से एक है. अफसरों के दम पर नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की नई गाथा लिखी है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बिहार के कई काबिल और ईमानदार छवि के अधिकारी आखिर क्यों बिहार से मुंह फेर लिए हैं? यह सवाल गाहे-बगाहे सत्ता के गलियारे में चर्चा में होती है.

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लॉकडाउन के दौरान आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह ने तो सार्वजनिक तौर पर बिहार के अफसरों के बारे में खुलकर कहा था. अमानुल्लाह बिहार में गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह कई मुख्यमंत्री के खास रह चुके हैं. उन्होंने तो यहां तक का डाला कि बिहार की ब्यूरोक्रेसी काफी काबिल है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह अच्छा परफॉर्मेंस नहीं कर पा रहे हैं.

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ये भी पढ़ें: भारत रत्न के लायक नहीं सचिन तेंदुलकर, हुआ सम्मान का अपमान: शिवानंद

'जो अफसर नीतीश कुमार की चापलूसी करते हैं. उन्हें अच्छा ओहदा दिया जाता रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वर्तमान में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी हैं. आखिर क्या कारण है कि, जो अफसर बिहार से बाहर चले जा रहे हैं. वह वापस नहीं आना चाहते है? वह अधिकारियों से पार्टी हित में काम करवाते हैं. जिसमें कई ईमानदार छवि के अधिकारी फिट नहीं बैठते. आज भी जो ईमानदार अधिकारी अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं. अगर वह बिहार वापस लौटेंगे तो उन्हें अपमानित किया जाएगा': प्रेम कुमार मणि, राजनीतिक चिंतक

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पढ़ें: शिक्षा विभाग का नया कारनामा, परीक्षार्थी का बदल दिया जेंडर

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री के साथ अच्छे अधिकारी अब काम नहीं करना चाहते. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं और यह तमाम आरोप बेबुनियाद है. आज भी बिहार में अच्छे अधिकारी बेहतरीन ढंग से काम कर रहे हैं और बिहार विकास के रास्ते पर है.

राज्य में आईएएस अफसरों के लिए कुल स्वीकृत पद 410 है. वर्तमान में कुल 308 आईएएस अफसर राज्य में कार्यरत हैं. बिहार कैडर के 32 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. बिहार कैरियर के 10 अधिकारी अन्य राज्यों में नियुक्त हैं.

देखें रिपोर्ट...

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बिहार के अधिकारी सुधीर कुमार राकेश ने वीआरएस लिया था. केंद्रीय प्रतिनुक्ति पर गए ये. अफसर रिटायर्ड होने तक बिहार नहीं लौटे. अफजल अमामनुल्ला-2013 ( सेवानिवृत) गिरीश शंकर-2014( सेवानिवृत) सीके मिश्रा-2013 (सेवानिवृत). ये अफसर अभी कार्यरत है, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है. अमरजीत सिन्हा - 2014 रविकांत - 2012 राजेश भूषण - 2012 सुनील वर्थवाल - 2014 सरवानन एम - 2014 बी प्रधान - 2015 रजीत पुनहानी - 2014 हुकुम सिंह मीणा - 2015 संदीप पॉन्ड्रिक - 2014 डी एस गंगवार - 2017 अतीश चंद्रा - 2018 केके पाठक-2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बिहार से चले गए हैं.

Last Updated : Feb 5, 2021, 10:59 PM IST
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