पटना: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद विपक्षी खेमे में जहां एक ओर बिखराव है, हार का असर विपक्षी नेताओं पर साफ देखने को मिल रहा है, नेताओं का मनोबल भी टूट चुका है. राजद का विधानसभा सत्र में पहले जैसे तेवर नहीं दिख रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वामदलों ने अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज कराई है.
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने विपक्षी एकता पर बुरी तरह असर डाला है. कांग्रेस अलग एजेंडे पर चल रही है, तो दूसरी तरफ राजद हेडलेस विपक्ष की भूमिका में दिखाई दे रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सिर्फ 2 दिन सदन की कार्यवाही में औपचारिक रूप से मौजूद रहे. पिछले सत्र के दौरान जिस तरीके से राजद सरकार के प्रति हमलावर थी, वैसे तेवर इस बार नहीं दिखाई दे रहे है.
वामदल ने की आवाज बुलंद
कम संख्या में होने के बावजूद भाकपा माले मुख्य विपक्षी दल की भूमिका अदा कर रहा है. हर रोज जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर भाकपा माले विधायक बिहार विधानसभा में प्रदर्शन करते हैं. मामला चमकी, बजट का या फिर रोजगार का हो. तमाम मसलों पर वाम नेता प्रखर होकर अपनी आवाज बुलंद करते नजर आ रहे हैं. भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा है कि तेजस्वी यादव को हताशा से निकल कर बाहर आना चाहिए और मजबूत विपक्ष की भूमिका में दिखाई देना चाहिए. शायराना अंदाज में महबूब आलम ने तेजस्वी को नसीहत भी दी.
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में,
वो तिफ्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले- महबूब आलम, विधायक, भाकपा