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जातीय जनगणना पर सरकार के फैसले से तेजस्वी गदगद, कहा- ये RJD की लंबी लड़ाई की जीत

बिहार में जातीय जनगणना कराए जाने के निर्णय को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav On Caste Census) ने आरजेडी की जीत बताई है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराए जाने से इसका फायदा गरीबों और पिछड़ों को मिलेगा. इसे लेकर लालू प्रसाद की लगातार लड़ाई का ही नतीजा है कि आज प्रदेश में सरकार भी जाति आधारित जनगणना के लिए तैयार है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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Published : Jun 2, 2022, 8:35 AM IST

Updated : Jun 2, 2022, 8:41 AM IST

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) को लेकर हुई ऑल पार्टी मीटिंग के बाद जनगणना कराए जाने पर मुहर लग चुकी है. बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Opposition Leader Tejashwi Yadav) ने जातीय जनगणना कराए जाने की नीतीश सरकार के निर्णय पर प्रशंसा जाहिर की. बुधवार को बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम लोगों के प्रस्ताव से और लालू प्रसाद की लगातार लड़ाई से बिहार विधानसभा में जाति जनगणना को लेकर प्रस्ताव दो बार पारित हुआ और सर्वसम्मति से पास भी हुआ. उसमे कहीं कोई असहमति की गुंजाइश नहीं थी. सब लोग सहमत थे. सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने की निर्णय लेना हमारी जीत है.

ये भी पढ़ेंः 27 मई को होगी जातीय जनगणना पर ऑल पार्टी मीटिंग? सुनिए CM नीतीश का जवाब

'जब इसे लेकर पार्लियामेंट में मना किया दिया गया कि भारत सरकार जातीय जनगणना नहीं कराएगी, तब हम लोगों ने विधानसभा में इस बात को उठाया. दो बातें रखी गईं कि या तो प्रधानमंत्री से मिला जाए या फिर राज्य सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराए. उसके बाद हालांकि विलंब हुआ, विलंब का कारण क्या था अब हमें उस पर नहीं जाना चाहते लेकिन ये हमारी जीत है'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

ये भी पढ़ेंः 'जातीय जनगणना में रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम न जुड़ जाए', BJP ने जाहिर की आशंका

जातियों का सही फिगर आएगा सामनेः तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि यह बिहार के सभी लोगों की जीत है. इससे यह पता चलेगा कि कौन दिहाड़ी मजदूर है ?कौन माइग्रेट करके रहता है ? कौन ठेला चलाता है? कौन कचरा साफ करता है ? कौन भीख मांगता है? जातीय जनगणना से स्पष्ट पता चलेगा. सुझाव में आरजेडी की ओर से जनगणना में एंथ्रोपोलॉजिस्ट के भी रखे जाने की बात कही गई, ताकि जो डाटा कलेक्ट हो उसे एकत्र करके वो रूपरेखा बनाने का काम करें. एंथ्रोपॉलजिस्ट तब भी रखा गया था जब मंडल कमीशन था. कितनी जातियां हैं कितनी उपजातियां है ? उसका सही फिगर सामने आएगा.

जातीय जनगणना पर सभी पार्टियों की सहमतीः बता दें कि बुधवार यानि 1 जून को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय के संवाद भवन में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई. विधानसभा में जिनके भी विधायक हैं, उन सभी दल को इस बैठक में बुलाया गया था. आरजेडी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मनोज झा पहुंचे थे. वहीं, बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी बैठक में मौजूद रहे. इसके अलावा अन्य सभी दलों के नेता भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि सबकी सहमति हो गई है और जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी. उसके बाद एक टाइम फ्रेम में जातीय जनगणना को पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा सभी वर्ग और संप्रदाय के जातियों की जनगणना होगी और एक-एक चीज की गिनती की जाएगी, इससे सब को लाभ होगा.

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पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) को लेकर हुई ऑल पार्टी मीटिंग के बाद जनगणना कराए जाने पर मुहर लग चुकी है. बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Opposition Leader Tejashwi Yadav) ने जातीय जनगणना कराए जाने की नीतीश सरकार के निर्णय पर प्रशंसा जाहिर की. बुधवार को बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम लोगों के प्रस्ताव से और लालू प्रसाद की लगातार लड़ाई से बिहार विधानसभा में जाति जनगणना को लेकर प्रस्ताव दो बार पारित हुआ और सर्वसम्मति से पास भी हुआ. उसमे कहीं कोई असहमति की गुंजाइश नहीं थी. सब लोग सहमत थे. सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने की निर्णय लेना हमारी जीत है.

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'जब इसे लेकर पार्लियामेंट में मना किया दिया गया कि भारत सरकार जातीय जनगणना नहीं कराएगी, तब हम लोगों ने विधानसभा में इस बात को उठाया. दो बातें रखी गईं कि या तो प्रधानमंत्री से मिला जाए या फिर राज्य सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराए. उसके बाद हालांकि विलंब हुआ, विलंब का कारण क्या था अब हमें उस पर नहीं जाना चाहते लेकिन ये हमारी जीत है'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

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जातियों का सही फिगर आएगा सामनेः तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि यह बिहार के सभी लोगों की जीत है. इससे यह पता चलेगा कि कौन दिहाड़ी मजदूर है ?कौन माइग्रेट करके रहता है ? कौन ठेला चलाता है? कौन कचरा साफ करता है ? कौन भीख मांगता है? जातीय जनगणना से स्पष्ट पता चलेगा. सुझाव में आरजेडी की ओर से जनगणना में एंथ्रोपोलॉजिस्ट के भी रखे जाने की बात कही गई, ताकि जो डाटा कलेक्ट हो उसे एकत्र करके वो रूपरेखा बनाने का काम करें. एंथ्रोपॉलजिस्ट तब भी रखा गया था जब मंडल कमीशन था. कितनी जातियां हैं कितनी उपजातियां है ? उसका सही फिगर सामने आएगा.

जातीय जनगणना पर सभी पार्टियों की सहमतीः बता दें कि बुधवार यानि 1 जून को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय के संवाद भवन में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई. विधानसभा में जिनके भी विधायक हैं, उन सभी दल को इस बैठक में बुलाया गया था. आरजेडी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मनोज झा पहुंचे थे. वहीं, बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी बैठक में मौजूद रहे. इसके अलावा अन्य सभी दलों के नेता भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि सबकी सहमति हो गई है और जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी. उसके बाद एक टाइम फ्रेम में जातीय जनगणना को पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा सभी वर्ग और संप्रदाय के जातियों की जनगणना होगी और एक-एक चीज की गिनती की जाएगी, इससे सब को लाभ होगा.

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Last Updated : Jun 2, 2022, 8:41 AM IST
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