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जनसंख्या नियंत्रण कानून पर विपक्ष ने कहा- सरकार बताये अपने विचार, अलग-अलग बयानों से जनता भ्रमित

जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बड़ी बहस छिड़ी हुई है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 को जारी कर दिया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार इसके खिलाफ हैं लेकिन उनकी पार्टी में ही इस मुद्दे को लेकर दो फाड़ दिख रहा है. अब इसे लेकर विपक्ष हमलावर है.

Population Control Law
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Published : Jul 13, 2021, 6:05 PM IST

पटना: जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) पर बिहार में घमासान (Bihar Politics) मचा है. यूपी के सीएम के उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 जारी करने के साथ ही इसकी आंच बिहार तक पहुंच चुकी है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में भी ऐसा कोई नियम लागू हो सकता है? हालांकि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने विचार पहले ही जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने साफ कह दिया है कि इस कानून से कुछ नहीं होने वाला महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है.

इस बीच जदयू में इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं. जदयू के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने इस कानून का स्वागत करते हुए इसे बिहार में भी लागू करने की मांग तक कर दी है. राजद और कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- 'कानून' पर CM नीतीश के विरोधी हैं उपेन्द्र कुशवाहा, BJP के हैं साथ

'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरएसएस के सहयोग से सरकार चला रहे हैं लेकिन दिखावा कुछ और करते हैं. यह सिर्फ बीजेपी और जेडीयू की मिलीभगत है. दोनों आरएसएस का एजेंडा लागू कराने की साजिश कर रहे हैं.'- भाई वीरेन्द्र, मुख्य प्रवक्ता और विधायक, राजद

एक तरफ यूपी में योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की तैयारी कर ली है. दूसरी तरफ बिहार में नीतीश कुमार ने ऐसे किसी कानून को लागू करने से इनकार किया है. बीजेपी और जदयू के बीच जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर छिड़े घमासान पर राजद ने इसे दोनों की मिलीभगत करार दिया है.

'जब तक विपक्ष में राजद है तब तक ऐसा कोई सांप्रदायिक कानून बिहार में हम लागू नहीं होने देंगे. जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और इस पर चर्चा करनी चाहिए. सभी दलों की सहमति से ही बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई पहल होनी चाहिए.'- भाई वीरेन्द्र, मुख्य प्रवक्ता और विधायक, राजद

तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने तंज कसते हुए कहा कि पहले तो बीजेपी और जदयू के बीच में ही जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर अलग-अलग राय देखा गया था लेकिन अब जदयू में भी नेता अलग अलग बयान दे रहे हैं. दरअसल इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बयान एक नहीं हैं.

'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जो बात आज कह रहे हैं कांग्रेस वो शुरुआत में ही अपने शासन काल मे कर चुकी है. जदयू में इसे लेकर अलग राय है इससे कुछ स्पष्ट नहीं होता है जनता दिग्भ्रमित है. आखिर बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून का क्या होगा लोगों को कम से कम सरकार की राय से अवगत करवाना जरूरी है.'- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

आपको बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जदयू और बीजेपी में तो मतभेद है ही जदयू के अंदर भी इसे लेकर घमासान मचा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इसे अलग स्टैंड है. मुख्यमंत्री के राय से उप मुख्यमंत्री रेणु देवी सहमत नहीं दिखाई दे रही हैं. तो वहीं जदयू के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा इस कानून का समर्थन कर रहे हैं.

पटना: जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) पर बिहार में घमासान (Bihar Politics) मचा है. यूपी के सीएम के उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 जारी करने के साथ ही इसकी आंच बिहार तक पहुंच चुकी है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में भी ऐसा कोई नियम लागू हो सकता है? हालांकि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने विचार पहले ही जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने साफ कह दिया है कि इस कानून से कुछ नहीं होने वाला महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है.

इस बीच जदयू में इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं. जदयू के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने इस कानून का स्वागत करते हुए इसे बिहार में भी लागू करने की मांग तक कर दी है. राजद और कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है.

देखें रिपोर्ट

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'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरएसएस के सहयोग से सरकार चला रहे हैं लेकिन दिखावा कुछ और करते हैं. यह सिर्फ बीजेपी और जेडीयू की मिलीभगत है. दोनों आरएसएस का एजेंडा लागू कराने की साजिश कर रहे हैं.'- भाई वीरेन्द्र, मुख्य प्रवक्ता और विधायक, राजद

एक तरफ यूपी में योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की तैयारी कर ली है. दूसरी तरफ बिहार में नीतीश कुमार ने ऐसे किसी कानून को लागू करने से इनकार किया है. बीजेपी और जदयू के बीच जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर छिड़े घमासान पर राजद ने इसे दोनों की मिलीभगत करार दिया है.

'जब तक विपक्ष में राजद है तब तक ऐसा कोई सांप्रदायिक कानून बिहार में हम लागू नहीं होने देंगे. जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और इस पर चर्चा करनी चाहिए. सभी दलों की सहमति से ही बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई पहल होनी चाहिए.'- भाई वीरेन्द्र, मुख्य प्रवक्ता और विधायक, राजद

तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने तंज कसते हुए कहा कि पहले तो बीजेपी और जदयू के बीच में ही जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर अलग-अलग राय देखा गया था लेकिन अब जदयू में भी नेता अलग अलग बयान दे रहे हैं. दरअसल इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बयान एक नहीं हैं.

'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जो बात आज कह रहे हैं कांग्रेस वो शुरुआत में ही अपने शासन काल मे कर चुकी है. जदयू में इसे लेकर अलग राय है इससे कुछ स्पष्ट नहीं होता है जनता दिग्भ्रमित है. आखिर बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून का क्या होगा लोगों को कम से कम सरकार की राय से अवगत करवाना जरूरी है.'- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

आपको बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जदयू और बीजेपी में तो मतभेद है ही जदयू के अंदर भी इसे लेकर घमासान मचा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इसे अलग स्टैंड है. मुख्यमंत्री के राय से उप मुख्यमंत्री रेणु देवी सहमत नहीं दिखाई दे रही हैं. तो वहीं जदयू के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा इस कानून का समर्थन कर रहे हैं.

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