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Bihar Junior Doctors Strike: PMCH में ऑपरेशन नहीं होने से मरीज हलकान, छपरा के एक शख्स की गई जान

सोमवार को मेरी पत्नी के पथरी का ऑपरेशन होना था, लेकिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ऑपरेशन नहीं हो सका. अब अस्पताल से जाने के लिए बोला जा रहा है और तारीख मिलने के बाद आने को कहा गया है. क्या करें समझ नहीं आ रहा? यह दर्द है पीएमसीएच (Operations Of PMCH Postponed) में इलाज करवाने आए एक शख्स का. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Junior Doctors Strike
Bihar Junior Doctors Strike
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Published : Dec 20, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 6:44 PM IST

पटना: प्रदेश में सोमवार को 9 मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों (Bihar Junior Doctors Strike) और एमबीबीएस इंटर्न के स्टूडेंटस ने अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया. ऐसे में अस्पताल के इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर में इलाज की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई. मरीज सुबह से ही हलकान परेशान इधर से उधर भटकते रहे.

यह भी पढ़ें- Junior Doctors Strike: हड़ताल पर बिहार के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव होने की वजह से कई गंभीर मरीज को भर्ती नहीं किया गया और उन्हें आईजीआईएमएस भेज दिया गया. वहीं कई मरीज इलाज नहीं होने का आरोप लगाकर अपने मरीज को लेकर अस्पताल से बाहर निकल गए. इसी बीच कई मरीजों ने दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें- स्टाइपेंड बढ़ोतरी की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, सरकार पर लगाया ये आरोप

छपरा (Chapra Patient Dies In PMCH) से आए 55 वर्षीय लक्ष्मण राय के परिजनों ने पीएमसीएच के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजन अपने मरीज को टाटा वार्ड से निकालकर दूसरी जगह ले जाने लगे, इसी बीच मरीज ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने बताया कि, लक्ष्मण राय को फेफड़े में पानी भर जाने की शिकायत थी.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान

यह भी पढ़ें- स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा असर... बिहार में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल का आज दूसरा दिन

पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक के एबी वार्ड में एडमिट महिला के पति बंशीधर शर्मा ने बताया कि, उनकी पत्नी को गॉल ब्लैडर में पथरी की शिकायत है. अस्पताल से सोमवार की तारीख ऑपरेशन के लिए दी गई थी. लेकिन हड़ताल के कारण ऑपरेशन नहीं हो सका. बंशीधर बिहटा के रहने वाले हैं.

"सुबह 8:00 बजे जब ऑपरेशन होना था उस समय बताया गया कि, डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं. ऐसे में मेरी पत्नी का ऑपरेशन नहीं हो सका. डॉक्टरों ने कहा है कि, अब ऑपरेशन के लिए कुछ समय बाद अगला डेट देंगे और तब तक के लिए अस्पताल में रहना समय की बर्बादी है. अस्पताल से डिस्चार्ज होकर चले जाएं और जब ऑपरेशन का नया डेट मिलेगा तब, मरीज को लेकर ऑपरेशन के लिए आएं."- बंशीधर शर्मा,मरीज के परिजन

यह भी पढ़ें- DMCH के जूनियर डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार, 5 सूत्री मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल की चेतावनी

बंशीधर अकेले नहीं हैं जिन्हें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. छपरा से आई उमा देवी को भी जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण खासी परेशानी झेलनी पड़ी. उमा देवी ने बताया कि, उनकी बेटी को पथरी की शिकायत है. सोमवार को पीएमसीएच में ऑपरेशन का डेट मिला था, लेकिन ऑपरेशन नहीं किया गया.

"वार्ड से 1-2 लोगों का नाम ऑपरेशन के लिए पुकारा गया है, लेकिन उनके जैसे बहुत सारे लोगों का ऑपरेशन सोमवार को टल गया है. इससे मेरे साथ-साथ दूसरे मरीज और उनके परिजनों की परेशानी भी बढ़ गई है."- उमा देवी, मरीज की परिजन

अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम की गोपनीयता की शर्त पर बताया कि, प्रतिदिन अस्पताल में 50 से अधिक बड़ी सर्जरी होती है और इतनी ही छोटी सर्जरी भी होती है. उन्होंने बताया कि, सीनियर डॉक्टर काम कर रहे हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टर के अभाव के वजह से बड़े ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. सभी बड़े ऑपरेशन आगे के दिन के लिए टाल दिए गए हैं और छोटे-मोटे जो ऑपरेशन हैं, वह किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को अस्पताल में लगभग 40 बड़ी सर्जरी टल गई है.

अब आइये आपको बता दें कि आखिर क्या है जूनियर डॉक्टरों की मांग. दरअसल, जूनियर डॉक्टरों की मांगों में कोविड द्वितीय वेव (covid second wave) में प्रोत्साहन राशि, इंटर्न स्टाइपेंड में वृद्धि, बॉन्ड में स्टडी लीव के प्रावधान को नियमावली में शामिल करना, नीट पीजी काउंसलिंग कराने में राज्य द्वारा केंद्र सरकार से पहल करना, नीट पीजी में देरी से उत्पन्न डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नॉन एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट की बहाली शामिल हैं.

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पटना: प्रदेश में सोमवार को 9 मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों (Bihar Junior Doctors Strike) और एमबीबीएस इंटर्न के स्टूडेंटस ने अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर दिया. ऐसे में अस्पताल के इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर में इलाज की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई. मरीज सुबह से ही हलकान परेशान इधर से उधर भटकते रहे.

यह भी पढ़ें- Junior Doctors Strike: हड़ताल पर बिहार के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई

अस्पताल में डॉक्टरों का अभाव होने की वजह से कई गंभीर मरीज को भर्ती नहीं किया गया और उन्हें आईजीआईएमएस भेज दिया गया. वहीं कई मरीज इलाज नहीं होने का आरोप लगाकर अपने मरीज को लेकर अस्पताल से बाहर निकल गए. इसी बीच कई मरीजों ने दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें- स्टाइपेंड बढ़ोतरी की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, सरकार पर लगाया ये आरोप

छपरा (Chapra Patient Dies In PMCH) से आए 55 वर्षीय लक्ष्मण राय के परिजनों ने पीएमसीएच के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजन अपने मरीज को टाटा वार्ड से निकालकर दूसरी जगह ले जाने लगे, इसी बीच मरीज ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने बताया कि, लक्ष्मण राय को फेफड़े में पानी भर जाने की शिकायत थी.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान

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पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक के एबी वार्ड में एडमिट महिला के पति बंशीधर शर्मा ने बताया कि, उनकी पत्नी को गॉल ब्लैडर में पथरी की शिकायत है. अस्पताल से सोमवार की तारीख ऑपरेशन के लिए दी गई थी. लेकिन हड़ताल के कारण ऑपरेशन नहीं हो सका. बंशीधर बिहटा के रहने वाले हैं.

"सुबह 8:00 बजे जब ऑपरेशन होना था उस समय बताया गया कि, डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं. ऐसे में मेरी पत्नी का ऑपरेशन नहीं हो सका. डॉक्टरों ने कहा है कि, अब ऑपरेशन के लिए कुछ समय बाद अगला डेट देंगे और तब तक के लिए अस्पताल में रहना समय की बर्बादी है. अस्पताल से डिस्चार्ज होकर चले जाएं और जब ऑपरेशन का नया डेट मिलेगा तब, मरीज को लेकर ऑपरेशन के लिए आएं."- बंशीधर शर्मा,मरीज के परिजन

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बंशीधर अकेले नहीं हैं जिन्हें इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. छपरा से आई उमा देवी को भी जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण खासी परेशानी झेलनी पड़ी. उमा देवी ने बताया कि, उनकी बेटी को पथरी की शिकायत है. सोमवार को पीएमसीएच में ऑपरेशन का डेट मिला था, लेकिन ऑपरेशन नहीं किया गया.

"वार्ड से 1-2 लोगों का नाम ऑपरेशन के लिए पुकारा गया है, लेकिन उनके जैसे बहुत सारे लोगों का ऑपरेशन सोमवार को टल गया है. इससे मेरे साथ-साथ दूसरे मरीज और उनके परिजनों की परेशानी भी बढ़ गई है."- उमा देवी, मरीज की परिजन

अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम की गोपनीयता की शर्त पर बताया कि, प्रतिदिन अस्पताल में 50 से अधिक बड़ी सर्जरी होती है और इतनी ही छोटी सर्जरी भी होती है. उन्होंने बताया कि, सीनियर डॉक्टर काम कर रहे हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टर के अभाव के वजह से बड़े ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. सभी बड़े ऑपरेशन आगे के दिन के लिए टाल दिए गए हैं और छोटे-मोटे जो ऑपरेशन हैं, वह किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को अस्पताल में लगभग 40 बड़ी सर्जरी टल गई है.

अब आइये आपको बता दें कि आखिर क्या है जूनियर डॉक्टरों की मांग. दरअसल, जूनियर डॉक्टरों की मांगों में कोविड द्वितीय वेव (covid second wave) में प्रोत्साहन राशि, इंटर्न स्टाइपेंड में वृद्धि, बॉन्ड में स्टडी लीव के प्रावधान को नियमावली में शामिल करना, नीट पीजी काउंसलिंग कराने में राज्य द्वारा केंद्र सरकार से पहल करना, नीट पीजी में देरी से उत्पन्न डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए नॉन एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट की बहाली शामिल हैं.

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Last Updated : Dec 20, 2021, 6:44 PM IST
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