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पटना: धनरूआ में एक वेटनरी डॉक्टर के सहारे 45 हजार पशु, पशुपालक हैं परेशान

पटना जिले के मसौढ़ी अनुमंडल के घनरूआ प्रखंड में एक पशु चिकित्सक के सहारे 45 हजार निबंधित पशु हैं, जिसको लेकर पशुपालकों के बीच इन दिनों परेशानी बढ़ी हुई है. परेशानी का आलम यह है कि जब किसी का जानवर बीमार हो जाता है तो उसे गांव से करीब 18 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय लाना पड़ता है.

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Published : Mar 17, 2021, 4:45 PM IST

पटना (मसौढ़ी): जिले के मसौढ़ी अनुमंडल के घनरूआ प्रखंड में एक पशु चिकित्सक के सहारे 45 हजार निबंधित पशु हैं, जिसको लेकर इन दिनों पशुपालकों की परेशानी बढ़ी हुई है. परेशानी का आलम यह है कि जब किसी का जानवर बीमार हो जाता है तो उसे गांव से करीब 18 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय लाना पड़ता है. इसके चलते कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

यह भी पढ़ें- पटना: कोरोना को लेकर मसौढ़ी में मास्क चेकिंग अभियान, लोगों को दी गई हिदायत

एक चिकित्सक होने के कारण सभी गांवों में जाकर जानवरों का इलाज करना चिकित्सक के लिए कठिन है. ऐसे में एक तरफ जहां पशु चिकित्सक परेशान हैं. वहीं, पशुपालकों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

20 पंचायत में हैं 45 हजार निबंधित पशु
पशु चिकित्सक धनंजय कुमार के अनुसार, पूरे प्रखंड में 20 पंचायत हैं. जहां करीब एक लाख से अधिक आबादी है और 45 हजार पशु निबंधित हैं. जब कोई पशुपालक अपने जानवर का इलाज कराने प्रखंड मुख्यालय आता है तो उसे कई घंटों तक डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है. कभी-कभी जानवर को लेकर दिन-रात बैठना पड़ जाता है. ऐसे में कई तरह की परेशानियां होती हैं.

धनरूआ प्रखंड में नीमा, पभेडी, बहरामपुर में पशुधन सहायक हैं. वहीं, पूरे प्रखंड में सिर्फ एक पशु चिकित्सक हैं, जिसको लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पटना (मसौढ़ी): जिले के मसौढ़ी अनुमंडल के घनरूआ प्रखंड में एक पशु चिकित्सक के सहारे 45 हजार निबंधित पशु हैं, जिसको लेकर इन दिनों पशुपालकों की परेशानी बढ़ी हुई है. परेशानी का आलम यह है कि जब किसी का जानवर बीमार हो जाता है तो उसे गांव से करीब 18 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय लाना पड़ता है. इसके चलते कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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एक चिकित्सक होने के कारण सभी गांवों में जाकर जानवरों का इलाज करना चिकित्सक के लिए कठिन है. ऐसे में एक तरफ जहां पशु चिकित्सक परेशान हैं. वहीं, पशुपालकों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

20 पंचायत में हैं 45 हजार निबंधित पशु
पशु चिकित्सक धनंजय कुमार के अनुसार, पूरे प्रखंड में 20 पंचायत हैं. जहां करीब एक लाख से अधिक आबादी है और 45 हजार पशु निबंधित हैं. जब कोई पशुपालक अपने जानवर का इलाज कराने प्रखंड मुख्यालय आता है तो उसे कई घंटों तक डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है. कभी-कभी जानवर को लेकर दिन-रात बैठना पड़ जाता है. ऐसे में कई तरह की परेशानियां होती हैं.

धनरूआ प्रखंड में नीमा, पभेडी, बहरामपुर में पशुधन सहायक हैं. वहीं, पूरे प्रखंड में सिर्फ एक पशु चिकित्सक हैं, जिसको लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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