पटना: राज्य में 3 साल पहले सरकार ने 13 हजार से ज्यादा जन वितरण प्रणाली की दुकानें खोलने की घोषणा की थी. लेकिन इन 3 सालों में महज 5 हजार दुकानें ही खुल पाई हैं. टारगेट से काफी पीछे चल रहे खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग ने इसको लेकर सफाई दी है. वहीं, विपक्ष ने इस मामले में सरकार पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया है.
जरूरत से कम है पीडीएस दुकानें
बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक बिहार में सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली के आदेश में निर्धारित मानदंडों के मुताबिक करीब 55304 पीडीएस दुकानों की जरूरत है. जबकि वर्तमान में लगभग 46000 दुकानें खुली हुई हैं. वहीं, पिछले 3 साल में 4494 नए लाइसेंस जारी किए गए हैं. यानी अभी भी 9000 से ज्यादा पीडीएस दुकानें कम हैं.
मामले पर पक्ष विपक्ष आमने-सामने
इस मामले पर हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जिन पांच हजार दुकानों की बात कही जा रही है, वो भी सरकारी फाइलों में ही है. धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा. वहीं, बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी ने कहा कि नई दुकानें खोलने की प्रक्रिया लगातार जारी है. इसके लिए नई बहाली प्रक्रिया चल रही है और समय रहते टारगेट पूरा कर लिया जाएगा.