पटनाः बिहार के पटना में प्याज की खेती (Onion cultivation in Patna) कर महिलाएं दमखम दिखा रही है. पारंपरिक खेती से हटकर प्याज की खेती कर आत्मनिर्भर बनकर स्वाबलंबी की राह पर चल पड़ी है. प्याज की खेती किसानों के रोजगार का बेहतर साधन है. इसका तकनीकी रूप से कारोबार कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें विटामिन सी फास्फोरस अधिक पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. प्याज की खेती का यह सटीक समय चल रहा है, जिसको लेकर खासकर महिला किसान इन दिनों धनरूआ में तकरीबन 200 एकड़ में प्याज की खेती करती है.
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200 एकड़ में होती है खेतीः पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों प्याज की खेती में महिला किसान जुट गई है. प्याज की खेती को लेकर इन दिनों सटीक समय चल रहा है. महिलाएं द्वारा पारंपरिक खेती से हटकर प्याज की खेती की जा रही है. धनरूआ में तकरीबन 200 एकड़ में प्याज की खेती हो रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. महिलाएं खेती-बाड़ी में भी दमखम दिखा रही हैं.
सरकार भी कर रही मददः धनरूआ की सुषमा देवी, ज्ञानवती देवी, विमला देवी और आरती देवी प्याज की खेती कर रही है. बताया कि प्रत्येक साल देसी प्याज और मद्रास और बंगाल का बीज लगाकर बंपर उत्पादन करती है. कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा लगातार फल सब्जी मसाला की खेती बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपए की बजट की मंजूरी दे रही हैं. राज्य सरकार किसानों को आर्थिक अनुदान भी दे रही है.
बड़ी पैमाने पर खेतीः कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की मानें तो प्याज में कई किस्म के उन्नत प्रजाति हैं. उन्नति शील प्रजाति एग्रीफाउंड डार्क रेड, एग्री फाउंड लाइट रेट, एवं सफेद प्याज की प्रजाति में भीमा श्वेता, भीमा शुबरा, भीमा सफेदा व उषा सफेदा राउंड प्याज का उपयोग सलाद में किया जाता है. ठंड के दिनों में बिहार में प्याज की खेती होती है. देसी प्याज और बंगाली, मद्रासी प्याज की बड़ी पैमाने पर खेती होती है.